भाजपा और NDA के लिए दक्षिण जीतना जरूरी, मिशन 400 पार के लिए मोदी ने संभाला मोर्चा

नई दिल्‍ली (New Delhi) । लोकसभा चुनावों (Lok Sabha elections) में चार सौ पार के बड़े मिशन के लिए भाजपा व राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) (BJP and NDA) को ‘दक्षिण का द्वार’ जीतना बेहद जरूरी है। बीते दो लोकसभा चुनावों में हिंदी पट्टी से लेकर पूर्वोत्तर भारत तक यानी देश के मध्य भाग से लेकर उत्तर, पूर्व और पश्चिम में मोदी मैजिक के बाद भाजपा के लिए अब दक्षिण (दक्षिण) बड़ा मिशन है। पार्टी को साबित करना है कि मोदी की गारंटी में दक्षिण भी पूरी तरह शामिल है। इसका मोर्चा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) संभाले हुए हैं।

लोकसभा चुनावों की घोषणा से एक दिन पहले ही मोदी ने दक्षिण भारत में डेरा डाल दिया है। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को दक्षिण के तीन राज्यों केरल, तमिलनाडु व तेलंगाना का दौरा किया। वह 19 मार्च तक दक्षिण के सभी राज्यों केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में कई कार्यक्रम करेंगे। इस बीच 16 मार्च की शाम को दिल्ली में चुनाव आयोग लोकसभा चुनावों के विस्तृत कार्यक्रम की घोषणा करेगा।

भाजपा ने इस लोकसभा चुनाव में अपना मुख्य चुनाव प्रचार अभियान दक्षिण भारत से शुरू किया है। इससे साफ है कि इस बार 131 सीटों वाला दक्षिण भाजपा के लिए कितना अहम है। बीते चुनाव में भाजपा को इनमें से 29 सीटें ही मिली थी, जिनमें कर्नाटक में 25 और तेलंगाना की चार सीटें शामिल थीं। अन्य राज्यों में उसका खाता तक नहीं खुला था। अब भाजपा के अपने 370 व राजग के चार सौ पार के मिशन का दारोमदार दक्षिण भारत पर टिका है। इसके साथ ही भाजपा को देश के बाकी हिस्से में अपनी ताकत बरकरार रखना होगा।

प्रधानमंत्री ने 15 मार्च को केरल व तमिलनाडु में सभाएं कीं और तेलंगाना में रोड शो किया। 16 मार्च को पीएम तेलंगाना के नगरकुरनूल और कर्नाटक के गुलबर्गा में प्रचार करेंगे। गुलबर्गा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का गढ़ रहा है। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें भाजपा से हार का सामना करना पड़ा था।

प्रधानमंत्री 17 मार्च को आंध्र प्रदेश में तेलुगू देशम-भाजपा-जन सेना की संयुक्त रैली को संबोधित करेंगे। आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की रैली को राज्य में सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी के खिलाफ तीन दलों के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। मोदी 18 मार्च को तेलंगाना के जगतियाल और कर्नाटक के शिमोगा में रैलियों को संबोधित कर सकते हैं और तमिलनाडु के कोयंबटूर में रोड शो का नेतृत्व करेंगे। वह केरल के पलक्कड़ में एक रोड शो करेंगे और 19 मार्च को तमिलनाडु के सलेम में एक रैली को संबोधित करेंगे।

Leave a Comment