उज्जैन में यूरिया की ब्लैक मार्केटिंग! किसानों में आक्रोश, सरकार को दी ये चेतावनी

उज्जैन: इन दिनों मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के कई जिलों में यूरिया खाद की किल्लत हो गई है, जिससे किसान परेशान हैं. प्रदेश के अन्य जिलों की तरह उज्जैन के किसान भी यूरिया की किल्लत से परेशान हैं. उज्जैन के किसानों ने चेतावनी (Farmers of Ujjain warned) देते हुए कहा कि अगर जल्द ही यूरिया की कमी को पूरी नहीं की गई, तो इसका असर विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगा. हालांकि प्रशासनिक अधिकारी किसानों की समस्या दूर करने में जुटे हुए हैं.

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव महज कुछ दिन और बाकी हैं. ऐसे में किसानों की नाराजगी सरकार पर भारी पड़ सकती है. धार्मिक नगरी उज्जैन में किसानों को यूरिया की कमी के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लाखाखेड़ी के रहने वाले किसान राधेश्याम ने बताया कि वे शनिवार (4 नवंबर) को यूरिया की कतार में लगे थे, मगर उन्हें सोमवार ( 6 नवंबर) को आने को कहा गया था. जब वह सोमवार को अपना टोकन लेकर मंडी में पहुंचे तो बताया गया कि रविवार को ही खाद बांट दी गई.

यूरिया की कमी से परेशान किसान प्रभु लाल ने बताया कि वे धन्ना खेड़ी से खाद लेने के लिए आए हैं, मगर उन्हें बेरंग होकर लौटना पड़ रहा है. कृषि उपज मंडी में किसानों के हंगामे को देखते हुए पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया है. किसानों का यह भी कहना है कि सोयाबीन की फसल में उन्हें काफी नुकसान हुआ है, जिसका मुआवजा तक नहीं मिल पाया है. इसके बाद अब गेहूं की फसल के लिए यूरिया नहीं मिल रही है, जिसकी वजह से उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.

किसान रामचंद्र का कहना है कि यूरिया ब्लैक मार्केटिंग के जरिए बेची जा रही है. बाजार में यूरिया को 500 से 600 रुपये में बेचा जा रहा है. जिसकी वजह से किसानों को अधिक राशि देकर खाद खरीदनी पड़ रही है, जिससे फसल के लिए होने वाले फायदे में कमी आई है. किसाने की अपनी मजबूरी है जिसका फायदा कालाबाजारी करने वाले धड़ल्ले से उठा रहे हैं. किसानों के आरोपों को इस वजह से भी बल मिलता है कि उज्जैन जिले के उन्हेल में खाद की कालाबाजारी करने वाले पर एफआईआर भी दर्ज हुई है.

इस संबंध में उज्जैन के डिप्टी कलेक्टर लक्ष्मी नारायण गर्ग ने बताया कि किसानों की समस्या जैसे ही जिलाधीश कुमार पुरुषोत्तम के सामने आई, उन्होंने तत्काल जिला भर के डिप्टी कलेक्टरों को निगाह रखने के निर्देश दिए हैं. यूरिया के वितरण को लेकर मॉनिटरिंग की जा रही है. इसके अलावा कृषि विभाग के माध्यम से यूरिया के आवंटन और मांग की पूर्ति के बारे में भी जानकारी मंगवाई गई है. जहां भी यूरिया की कालाबाजारी की शिकायत मिल रही है, वहां पर परीक्षण के बाद एफआईआर दर्ज कराई जा रही है.

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