उज्जैन रेलवे स्टेशन पर सक्रिय हैं बदमाश

  • दो माह में 200 से ज्यादा यात्रियों की जेब कटी लेकिन 65 को ही वापस मिला सामान
  • वेटिंग हाल से लेकर प्लेटफॉर्म तक यात्रियों की कट रही जेब

उज्जैन। रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन जेबकटी की घटनाएँ हो रही है। स्टेशन के अंदर और बाहर ये जेबकतरें इतनी सफाई और योजना के तहत यात्रियों को अपना निशाना बना रहे है कि उन्हें पता ही नहीं चल पाता कि कब उनके पॉकेट में रखा बटुआ गायब हो गया है। आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते दो माह में 200 से ज्यादा यात्रियों की जेब कटी है लेकिन 65 को ही अपना सामान वापस मिला है। शेष यात्री या तो थाने नहीं पहुँचे या पुलिस ने उन्हें बगैर कोई कार्रवाई किए लौटा दिया।


उल्लेखनीय है कि इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है। साथ ही गर्मियों की छुट्टियाँ होने के कारण ट्रेनों में जमकर भीड़ चल रही है। ट्रेनों सहित बसें आदि खचाखच भरकर चल रही है। सुबह से लेकर रात तक रेलवे स्टेशन प्लेट फार्म पर पैर रखने तक की जगह नहीं होती हैं। आने जाने वाली सभी ट्रेने ठसाठस भरकर चल रही हैं। रेलवे स्टेशन पर ट्रेन आते ही ट्रेन में चढऩे वाले यात्रियों और ट्रेन से उतने वाले यात्रियों की भीड़ गेट के पास जमा हो जाती है। इसी भीड़ में जेबकतरें अपना काम शुरू कर देते हैं, वहीं बाहर से आने वाले यात्री हड़बड़ी के कारण इन जेबकतरों की पुलिस में शिकायत नहीं करते हैं। इसके चलते जेबकतरों की हरकत और बढ़ती जा रही है। इसके बावजूद रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा संबंधी कोई खास इंतजाम नहीं हैं।

दो माह में पकड़ाए 65 जेबकट
जीआरपी पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बीते दो महीने में करीब 200 जेबकटी की वारदात हुई है। इस घटना के बाद भी जीआरपी पुलिस ने अब तक 65 जेबकटों को ही पकड़ा है। खास बात यह है कि जेबकट गिरोह के रूप में सक्रिय हैं। इनके 50 फीसदी शिकार यात्री होते हैं। वे आमतौर पर थाने नहीं जाते। जो थाने पहुँचते हैं तो पुलिस बगैर कोई कार्रवाई किए उन्हें लौटा देती है। ऐसे में सिर्फ 20 फीसदी मामलों में ही रिपोर्ट दर्ज होती है।

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