फर्जी तरीके से चेचिस नंबर डालकर ग्राहक को थमा दिया दूसरा वाहन

  • बॉडी मेकिंग की आड़ में रतन बॉडी मेकर कर रहा फर्जीवाड़ा!
  • शासन और ग्राहकों के साथ की जा रही धोखाधड़ी, महिला की शिकायत पर एसपी ने लिया संज्ञान

स्वप्निल पटैल जबलपुर। शहर में बस एवं कमर्शियल वाहनों की बॉडी मेकिंग की आड़ में एक बस बॉडी मेकर द्वारा जमकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। बिना आरटीओ की एनओसी और परमीशन के उक्त बॉडी मेकर द्वारा बस-ट्रक जैसे वाहनों को काटकर शासन को लाखों के राजस्व का चूना भी लगाया जा रहा है। ऐसा ही एक फर्जीवाड़ा हाल ही में सामने आया है, जिसमें शारदा चौक स्थित रतन बस बॉडी मेकर के संचालक रतन चौधरी द्वारा एक कमर्शिलय 407 वाहन को पहले तो बिना वाहन मालिक की जानकारी के किसी अन्य व्यक्ति को बेच दिया गया। और जब वाहन मालिक अपना वाहन लेने पहुंचा तो बॉडी मेकर रतन चौधरी द्वारा फर्जीवाड़ा करते हुए किसी अन्य वाहन के चेचिस में उक्त 407 वाहन का चेचिस नंबर नियम विरुद्ध तरीके से डालकर सौंपने का प्रयास किया गया। लेकिन वाहन मालिक को जब इस बात की भनक लगी कि उक्त वाहन का चेचिस उसका है ही नहीं तो पीडि़त वाहन मालिक ने गढ़ा थाने पहुंचकर लिखित शिकायत थाना प्रभारी को दी है। लेकिन थाना प्रभारी से सांठ-गांठ के चलते थाना पुलिस भी बॉडी मेकर पर कार्यवाही करने से पीछे हट रही है।

  • क्या है मामला
    इनकमटैक्स चौराहा निवासी भास्वती मंडल पति प्रनब मंडल ने लिखित शिकायत में बताया है कि उन्होंने 2015 में लगभग पौने सात लाख रूपये की लागत से कमर्शियल ऑटोमोबाईल से 407 वाहन खरीदा था। जिसका चेचिस नंबर एमएटी455221ई8पी32634 व इंजन नंबर 497एसपी67पीवीवाय648297 था। उक्त 407 वाहन क्रमांक एमपी 20 जीए 9171 को उनके द्वारा गढ़ा थाना अंतर्गत शारदा चौक स्थित रतन बॉडी बिल्डर्स को फूड ट्रक बनाने के लिए 2019 दिसंबर माह में दिया था। फूड वेन बनाने के लिए संचालक रतन चौधरी द्वारा 1 लाख 25 हजार रूपये का खर्च बताया था। जिसके बाद उसने रतन चौधरी को नगद 95 हजार रूपये दिए थे। इसके बाद बाकी का भुगतान देने के बाद बार-बार बोलने के बावजूद रतन चौधरी मेरी गाड़ी को बनाकर नहीं दे रहा था। पीडि़ता ने बताया कि इस दौरान उसके पति प्रनब मंडल का एक्सीडेंट हो गया और कोरोना के चलते लॉकडाउन भी लग गया। इसके बाद जब हाल ही में उन्होंने रतन चौधरी से गाड़ी बनाकर देने की बात कही तो उसने बात को टाल दिया। दिनांक 11 मई 2023 को जब उन्होंने रतन चौधरी के गैरेज जाकर देखा तो उनके 407 वाहन क्रमांक एमपी 20 जीए 9171 का सिर्फ ऊपरी खोखा ही रखा हुआ था और वाहन की चेचिस गायब थी। पता करने पर जानकारी लगी कि रतन चौधरी ने उनका चेचिस बिना उनकी अनुमति के किसी और को बेच दिया है। इसके बाद उन्होंने 11 मई को गढ़ा थाने में गाड़ी चोरी होने की सूचना दी। इसके बाद वह घर लौट आए। दो दिन बाद रतन ने गाड़ी वापस करने की बात कही। पीडि़ता ने बताया कि 17 मई को गढ़ा थाना प्रभारी राकेश तिवारी के सामने रतन चौधरी के साथ उनकी बैठक हुई। जब उन्होंने गाड़ी देखी तो उन्हे कुछ शक हुआ। जब उनके द्वारा गाड़ी की डीटेल निकाली गई और चेचिस का मिलान किया गया तो उन्हे पता चला कि जो वाहन रतन चौधरी उन्हेें दे रहा है उसका चेचिस ही डुप्लीकेट है

दूसरे वाहन के चेचिस में डाल दिया… दूसरा चेचिस नंबर
पीडि़त महिला ने आरोप लगाया है कि रतन चौधरी ने उनके वाहन का चेचिस फर्जीवाड़ा कर दूसरे को बेंच दिया है। कार्यवाही से बचने के लिए रतन चौधरी द्वारा किसी अन्य वाहन के चेचिस में फर्जी तरीके से उनका चेचिस नंबर एमएटी455221ई8 पी32634 को लिखवा दिया है। जो कि स्पष्ट रूप से समझ आ रहा है। उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा वाहन के चेचिस में नंबर एक समान आकार एवं फान्ट से पंच किया जाता है। लेकिन रतन चौधरी द्वारा उन्हें जो वाहन दिया गया उसमें स्पष्ट समझ आ रहा है कि रतन ने अपने कारखाने में ही किसी अन्य चेचिस में उनका चेचिस नंबर एमएटी455221ई8पी 32634 को लिख दिया गया है।

अग्निबाण परत दर परत… करेगा खुलासा
अग्निबाण द्वारा अगले अंक में परत दर परत खुलास किया जाएगा कि किस तरह से शारदा चौक स्थित रतन बार्डी बिल्डर्स के संचालक रतन चौधरी द्वारा वाहनों के चेचिस नंबरों में हेरफेर किया जाता है। और बिना आरटीओ की अनुमति और एनओसी के टैक्स बकाया वाले वाहनों को काट कर शासन और परिवहन विभाग को लाखों करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है।

उक्त मामले की जांच सीएसपी गढ़ा से कराई जाएगी। महिला की शिकायत को गंभीरता से लिया गया है। संबंधित दस्तावेजों की जांच के बाद अगर बॉडी मेकर द्वारा चेचिस नंबर से छेड़छाड़ करना पाया जाता है तो संचालक पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।
तुषारकांत विद्यार्थी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक

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