बिजली चोरी के मामलों में 50 हजार तक के ही समझौते

  • तीन दिन बाद लोक अदालत, राशि की बाध्यता से बिजली उपभोक्ता व अधिकारी मायूस

इंदौर। राष्ट्रीय लोक अदालत 9 मार्च को देश में आयोजित की जाएगी। इसमें समझौते के तहत प्रकरणों का निराकरण किया जाता है। बिजली कंपनी द्वारा मालवा-निमाड़ में 44 स्थानों पर लोक अदालत के माध्यम से बिजली प्रकरणों में समझौते एवं छूट दी जाएगी। उपभोक्ता एवं बिजली अधिकारी इसलिए मायूस हैं कि ऊर्जा मंत्रालय की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि सिर्फ 50000 तक की राशि वाले प्रकरणों में ही लोक अदालत के तहत छूट दी जाए। इन प्रकरणों की संख्या 25 से 30 फीसदी बताई जा रही है।
जिले के 62 जोन वितरण केंद्र समेत मालवा-निमाड़ के 425 जोन, वितरण केंद्रों, कार्यालयों के माध्यम से लोक अदालत के लिए तैयारी की जा रही है। लोक अदालत में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 एवं 135 के तहत दर्ज बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों का समझौता होगा। इसके अलावा सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

45000 बिजली चोर, 165 करोड़ बकाया
बिजली कंपनी के विजिलेंस विभाग के पास मालवा-निमाड़ में बिजली चोरी के 45000 प्रकरण पेंडिंग चल रहे हैं। इन उपभोक्ताओं से कंपनी को तकरीबन 165 करोड़ की राशि लेना है। 50000 से कम राशि वाले प्रकरणों की संख्या 10000 का आंकड़ा भी पार नहीं कर रही है, इसलिए इस लोक अदालत में बिजली कंपनी के प्रकरण ज्यादा नहीं सुलझ पाएंगे। इसको लेकर बिजली अधिकारियों में मायूसी है। उनका कहना है कि लोक अदालत में राशि की बाध्यता खत्म की जाए।

नोटिस ही तामील नहीं हो पाए…
बिजली कंपनी की ओर से लोक अदालत के लिए तैयारी भी कमतर रही। बकायादार बिजली उपभोक्ताओं को अभी तक नोटिस तामील ही नहीं हो पाए हैं। वहीं विजिलेंस विभाग के वर्षों से जमा कर्मचारी भी अपने गुणा-भाग में कंपनी के कामों को नजरअंदाज करते रहते हैं। विजिलेंस विभाग में कर्मचारियों का रवैया हमेशा से ठीक नहीं रहा है। यही कारण है कि यहां हजारों प्रकरण वर्षों से पेंडिंग हैं। नोटिस तामीली भी चुनौती बनी हुई है।

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