छगन भुजबल का इस्तीफा मैंने या सीएम ने स्वीकार ही नहीं कियाः उप मुख्यमंत्री फडनवीस

मुंबई (Mumbai)। महाराष्ट्र की राजनीति (politics of Maharashtra) में इन दिनों काफी सुर्खियों में है। पहले मराठा आंदोलन (Maratha movement) के कारण तो अब कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल (Cabinet Minister Chhagan Bhujbal) के कारण। उद्धव गुट के सांसद (Uddhav group MP) के दावे को महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister of Maharashtra) ने खारिज कर दिया है। सांसद ने दावा किया था कि भुजबल और भाजपा नेता आपस में मिले हुए हैं। इसी के साथ उप मुख्यमंत्री ने उन दावों को भी खारिज कर दिया है कि छगन भुजबल ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।

महाराष्ट्र के डिप्टी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस (Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis) शनिवार को एक सार्वजनिक रैली को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत के उन बयानों को खारिज किया, जिसमें राउत ने दावा किया कि भाजपा और भुजबल एक साथ हैं। दोनों एक-दूसरे से मिले हुए हैं। साथ ही उन्होंने भुजबल के दावों को नकारते हुए कहा कि मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस मुद्दे पर अच्छे तरह से स्पष्टीकरण दे सकते हैं। हालांकि, मैं इतना साफ कर सकता हूं कि न तो मैंने और न ही सीएम शिंदे ने उनके इस्तीफे को स्वीकार किया है।

क्या बोले थे छगन भुजबल
महाराष्ट्र के अहमदनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए भुजबल ने शनिवार को साफ किया कि वह मराठों को मिलने वाले आरक्षण का विरोध नहीं कर रहे हैं। वह मौजूदा ओबीसी कोटा साझा करने के खिलाफ हैं। रैली में भुजबल ने कहा कि विपक्ष के कई नेता, यहां तक कि मेरी सरकार के नेता भी कहते हैं कि मुझे इस्तीफा दे देना चाहिए। किसी ने कहा कि भुजबल को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं विपक्ष और अपनी पार्टी के नेताओं को बताना चाहता हूं कि 17 नवंबर को अंबाद में आयोजित ओबीसी एल्गर रैली से पहले ही मैंने 16 नवंबर को कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद ही उस कार्यक्रम में शामिल होने गया था। मुझे मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने इस बारे में शांति बरतने के लिए कहा था। मैंने अपना इस्तीफा दे दिया है। मैं अंत तक ओबीसी के लिए लड़ूंगा।

जरांगे ने भुजबल पर साधा निशाना
जालना के अंतरवाली सराती गांव में मीडिया से बात करते हुए जरांगे ने कहा वे (भुजबल) कुछ नहीं समझते। ये कानून है, एक सरकार है और पढ़े-लिखे लोगों की समिति इस पर काम कर रही है, लेकिन भुजबल अपनी ही सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। वह डिप्टी सीएम फडणवीस और अजित पवार को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे लगता है कि भुजबल चाहते हैं कि लोग भूख से मर जाएं फिर चाहे वो मराठा हों या फिर किसी अन्य जाति के। पिछड़े वर्ग को समझना चाहिए और भुजबल का साथ नहीं देना चाहिए। जरांगे ने दावा किया ‘भुजबल जिस पार्टी में रहते हैं, उसे ही नुकसान पहुंचाते हैं। अगर वे इस्तीफा देना चाहते हैं तो दे दें, लेकिन मराठा आरक्षण के खिलाफ न बोलें।

संजय राउत का भुजबल पर निशाना
संजय राउत ने भुजबल के इस्तीफे की बात को बकवास करार दिया है। शनिवार को अहमदनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए संजय राउत ने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि भुजबल की बयानबाजी के पीछे देवेंद्र फडणवीस हैं, ताकि आरक्षण आंदोलन को हैंडल किया जा सके। राउत ने दावा किया कि दोनों मिले हुए हैं। संजय राउत ने कहा कि वे जानना चाहते हैं कि छगन भुजबल ने अगर इस्तीफा दिया है तो उनका इस्तीफा सीएम शिंदे ने स्वीकार किया है या फडणवीस ने।

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