उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ महापर्व का समापन, घाटों पर उमड़े श्रद्धालु

पटना। उदीयमान सूर्य को अर्घ्य (Rising Sun Arghya) देने के साथ ही महापर्व छठ का समापन (End of Mahaparva Chhath) हो गया। तड़के सुबह से ही पटना के घाटों (Ghats Patna) पर छठ व्रती पहुंचने (Chhath Vrati arriving) लगे। और पूरे विधिवत तरीके से उगते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य (Arghya to Lord Bhaskar while rising ritually) दिया। जिसके बाद चार दिवसीय छठ महापर्व पूरा हुआ। इस दौरान घाटों पूरी रात रोशनी और रहने की व्यवस्था की गई। घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। बांस की टोकरी में मौसमी फल, ठेकुआ, गन्ना और पूजा का सामान सजाया गया। छठ गीतों के साथ घाट भी छठ की छटा से दमक रहे थे। इस दौरान श्रद्धालुओं ने घाटों पर आस्था की डुबकी भी लगाई। छठ व्रतियों को किसी तरह की कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े। इसके लिए प्रशासन द्वारा घाटों पर व्यापक व्यवस्था की गई थी।

पटना में गंगा किनारे करीब 100 घाटों पर श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। इस दौरान व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की है। तमाम घाटों पर मेडिकल कैंप लगाए गए। और सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की गई थी। इससे पहले रविवार शाम को व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। सभी घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास आज उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण के साथ पूरा हो गया।

भगवान भास्कर की उपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ पूरे बिहार में शांति और श्रद्धा के साथ सुबह के उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया। छठ महापर्व को लेकर बीते 4 दिनों तक पूरे बिहार में भक्ति का माहौल बना रहा। चारों ओर छठ मैया के गीत गूंजते रहे। गंगा नदी के तट के अलावा लोगों ने अपने घरों और तालाबों में भी डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया। इस दौरान घाटों पर सुरक्षा की अच्छी व्यवस्था दिखी। घाटों पर नावों की तैनाती भी की गई। भीड़ को नियंत्रित करने और अप्रिय घटना से बचने के लिए लगभग 5000 अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, शहर के विभिन्न घाटों पर 300 से अधिक एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवान तैनात किए गए हैं।

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