मुख्यमंत्री ने 21 टन लोह अपशिष्ट से बनी श्री राम मंदिर की प्रतिकृति का किया लोकार्पण

– 21 हजार दीपों से जगमगाया विश्राम बाग

इंदौर (Indore)। नगर निगम इंदौर (Municipal Corporation Indore) द्वारा स्व. लक्ष्मण सिंह गौड़ उद्यान ( विश्राम बाग) में महापौर पुष्यमित्र भार्गव (Mayor Pushyamitra Bhargava) की कल्पना से 21 टन लोह अपशिष्ट से निर्मित (Made from 21 tons of iron waste) राम मंदिर की भव्य प्रतिकृति (Grand replica of Ram temple) का निर्माण कराया है, जिसका लोकार्पण मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) के करकमलों से संपन्न हुआ। इस अवसर पर विश्रामबाग परिसर 21000 से अधिक दीपों से जगमगाया।

इस अवसर पर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जलसंसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव माननीय सांसद, शंकर लालवानी, क्षेत्रिय विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़, पूर्व सांसद एवं पूर्व महापौर कृष्ण मुरारी मोधे, इंदौर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष जयपाल सिंह चांवडा, भाजपा नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे, विधायक रमेश मेंदोला, महेंद्र हडिया, गोलू शुक्ला, मधु वर्मा, मनोज पटेल, सभापति मुन्ना लाल यादव, समस्त महापौर परिषद सदस्य, पार्षदगण एवं बड़ी संख्या में नगरीकरण उपस्थित थे।

इंदौर नए-नए प्रयोग करता है, यह लोह अपशिष्ट से निर्मित प्रतिकृति का उदाहरण: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि प्रभु श्री राम ने बड़ी ही सादगी से रावण के साथ महायुद्ध लड़ा, और यह बात साबित की की युद्ध साधनों से नहीं बल्कि आत्मविश्वास से लड़ा जाता है। आज इंदौर में यह भव्य कार्यक्रम हुआ है इंदौर जिस प्रकार से स्वच्छता में लगातार सात बार नंबर वन स्वच्छ शहर राय और यहां पर इस वेस्ट टू आर्ट से श्री राम मंदिर की कलाकृति का निर्माण किया है यह बहुत ही अद्भुत है। प्रधानमंत्री ने स्वच्छता की बहुत ही सरल और उच्च बात करी थी जिसका सरोकार यह निकला की स्वच्छता में लगातार इंदौर सात बार और प्रदेश की कई नगरी इकाई लगातार स्वछता आंदोलन को जारी रखा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर नए-नए प्रयोग करता है किसके लिए में नगर निगम इंदौर के साथ ही शहर के नागरिकों को बधाई देता हूं और सभी से अपील करता हूं कि आगामी 22 जनवरी को श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को दीपावली की तरह मनाएं।

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा इंदौर के हुकुमचंद मिलकर मजदूरों को बहुत बड़ी सौगात दी है और उसके साथ ही आज यातायात प्रबंधन के लिए नवलखा चौराहा से एलआईजी चौराहा तक एलिवेटेड बीच का भूमि पूजन किया गया है। मुख्यमंत्री द्वारा वेस्ट टू आर्ट की प्रतिकृति और 21 टन से अधिक वजनी श्री राम मंदिर का लोकार्पण किया है।

भार्गव ने कहा कि इंदौर एक दौर है जो काम देश के बाक़ी शहर करने का सोचते है इंदौर वो कर चुका होता है…….यह बात भारतवर्ष के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कहते है ,इंदौर नए नए नवाचार के लिए भी जाना जाता है। इसी नवाचार के क्रम में इंदौर में भी अयोध्या के राम मंदिर के तर्ज पर लोहे के कबाड़ से भारत की पहली लोहे के स्क्रैप बनी राम मंदिर की प्रतिकृति बनाई गई है। इस प्रति कृति को बनाने में कुल 20 मजदूरों ने दिन रात मेहनत की है। ख़ास बात यह भी इस प्रति कृति को बनाने में मुस्लिम मजदूर भी सम्मिलित हुए।

ज्ञात हो कि भारत के करोड़ों करोड़ों राम भग्तों का पाँच सौ साल में पूर्ण होने वाला स्वप्न अयोध्या में श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा रूप में पूरा हो रहा है ,जो की आगामी 22 जनवरी को किया जाएगा।

इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव की सोच के अनुरूप इंदौर में अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति भी बनाई गई है। इसको 21 टन लोहे के स्क्रैप से तैयार किया गया है इस प्रतिकृति की ऊंचाई 27 फीट, चौड़ाई 26 फीट और लंबाई 40 फीट है। 20 मजदूरों ने मिलकर इसको लगभग 3 महीने में तैयार किया है।

यह मंदिर अयोध्या के राम मंदिर की हुबहू प्रतिकृति है। इसका प्रारूप इंदौर के दो युवाओं ने मिलकर तैयार किया है। इसमें खास बात यह है कि यह वेस्ट हो चुके लोहे से बनाया गया है। इंदौर स्वच्छता में सात बार अपना परचम लहरा चुका है। इसका सबसे बड़ा कारण है इंदौर में वेस्ट मैनेजमेंट सबसे अच्छे तरिके से किया जाता है। जिसका उदाहरण यह राम मंदिर की प्रतिकृति है।

इस राम मंदिर को बनाने में स्क्रैप लोहे के पुर्जे जैसे की पुराने वाहनों के चेचिस, स्ट्रीट लाइट्स के पुराने खम्भे, पुराने खराब झूले, पुरानी टूटी हुई फिसलपट्टिया, पुराने वाहनों के चद्दर, पुरानी गाड़ियों के गियर पार्ट्स, नट-बोल्ट्स, पार्कों की टूटी फूटी ग्रिल, गेट्स आदि पुराने लोहे का उपयोग किया गया है।

विश्राम बाग में बनी प्रतिकृति
इस प्रतिकृति को इंदौर के विश्राम बाग में बनाया गया है, जो अपने आप में बहुत भव्यता-दिव्यता और भगवान श्री राम का संदेश लिए हुए हैं, जो पूरे देश को एक सूत्र में बांधने का काम कर रहा है. विशेष तौर पर इंदौर के लिए जिसने हमेशा से वेस्ट पर बहुत काम किया है।

कहां से लाए लोहे के स्क्रैप
नगर निगम ने लोहे के पुराने खंबे, कबाड़ गाड़ियों के चेसिस, नट-बोल्ट, टूटे-फुटे झूले, फिसलपट्टियां, ग्रिल आदि का इस्तेमाल किया है। संभवतरू देश में पहली बार लोहे के स्क्रैप से किसी मंदिर की इतनी बड़ी प्रतिकृति तैयार की है।

इंदौर के युवाओं का स्टार्टअप
प्रतिकृति को बनाने का काम महापौर के निर्देशन में इंदौर के दो युवाओं ने काम शुरू किया यह इन दोनों युवाओं का पहला स्टार्टअप है। आर्टिस्ट उज्जवल सिंह सोलंकी और लोकेश सिंह।

रात्रि में आकर्षक विघुत सज्जा से प्रतिकृति की दिव्य और भव्य स्वरूप के दर्शन होंगे
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि विश्राम बाग जहां श्रीराम मंदिर अयोध्या की प्रतिकृति बनाई जा रही है उसके ठीक नीचे वाटर बॉडी है। यहां प्रतिकृति बनने के बाद नीचे पानी से लेकर मंदिर के प्रतिकृति के गुम्बद तक का नजारा बहुत ही खूबसूरत दिखाई देता है। रात को लाइटिंग में इसकी भव्यता, दिव्यता और सुंदरता देखते ही बनती है। यहां रात का दृश्य काफी मनोरम है। मंदिर की दीवारों पर श्लोक नजर आते है महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि अयोध्या में बन रहे राम मंदिर से प्रेरित होकर ही उन्हें विश्राम बाग में मंदिर की प्रतिकृति तैयार करने की प्रेरणा मिली। बड़ी चुनौती यह थी कि लोहे के स्क्रैप कैसे लाए जाएंगे। इसमें वेल्डिंग वाले कारीगरों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही क्योंकि छोटे-बड़े और टूटे-फूटे लोहे के सामान को मंदिर का रूप देना आसान नहीं था। महापौर ने बताया कि प्रतिकृति की फीनिशिंग का काम जल्द ही शुरू होगा। हमारी योजना फीनिशिंग का काम पूरा होने के बाद मंदिर की प्रतिकृति पर मेटेलिक कलर करने की है। लोहे के मंदिर की दीवारों पर श्लोक भी नजर आएंगे।

संपूर्ण विश्व को अपने नवाचारों का लोहा मनवाने वाले अपने इंदौर में अयोध्या श्रीराम मंदिर की 21 टन लौह अपशिष्ट से निर्मित प्रतिकृति का लोकार्पण मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कर कमलों से संपन्न हुआ। इस अलौकिक आयोजन में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, तुलसीराम सिलावट महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित सम्मानित विधायकगण, जनप्रतिनिधिगण एवं धर्मप्रेमी नागरिक बंधु उपस्थित रहे।

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