चुटका परमाणु बिजली परियोजना को मिली हरी झंडी

  • बीते 10 वर्षों से चल रहा था विरोध

जबलपुर। पिछले 10 सालों से चले आ रहे विरोध के बीच केंद्र सरकार ने मंडला में प्रस्तावित चुटका परमाणु बिजली परियोजना को हरी झंडी दे दी है। केंद्र सरकार ने 4 राज्यों में 10 परमाणु रिएक्टरों की स्थापना को मंजूरी दे दी है। इसमें मंडला जिले में चुटका परियोजना भी शामिल है। जो 2031 तक स्थापित हो जाएगी। जिसकी लागत तकरीबन डेढ़ लाख करोड़ों रुपए है। केंद्र सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के अधीन काम करने वाला न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया चुटका गांव में 700 मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता के दो न्यूक्लियर प्लांट स्थापित करेगा। इसमें कुल 14 मेगावाट बिजली पैदा की जाएगी। केंद्र और राज्य के बीच हुए करार के मुताबिक इस प्लांट में पैदा होने वाली 50 प्रतिशत बिजली मध्यप्रदेश को मिलेगी जबकि 50 प्रतिशत सेंट्रल पूल में जाएगी।

केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद चुटका परमाणु परियोजना का विरोध कर रहे संगठनों की आवाज एक बार फिर तेज हो गई है। चुटका परियोजना संयंत्र का विरोध करने वाले चुटका परमाणु परियोजना संघर्ष समिति का कहना है कि केंद्र सरकार सारे मानवीय मूल्यों को ताक पर रखकर चुटका परियोजना शुरू कर रही है जबकि ना तो अभी विस्थापित ग्रामीणों को पर्याप्त मुआवजा दिया गया है और ना ही उनकी व्यवस्था की गई है। सरकार की ओर से जो मकान दिए गए हैं, वह बेहद अव्यवस्थित हैं ग्रामीणों को चंद रुपए देकर उनकी जमीनों को हड़प लिया गया है। पिछले 12 सालों से चुटका परियोजना का विरोध जारी है। लेकिन सरकार ने ग्रामीणों की मांगे अब तक पूरी नहीं की है इस बीच परियोजना को केंद्र सरकार की मंजूरी यह बात बताती है कि सरकार ग्रामीणों की मांगों को अनदेखा कर मनमानी पर उतारू है। चुटका परमाणु संयंत्र से निकलने वाले रेडिएशन से मानव जीवन को खतरा तो है ही नर्मदा नदी में भी रेडीशन से भारी प्रदूषण का खतरा बन जाएगा। जो आने वाली पीढ़ी के लिए भारी नुकसान दे होगा। ग्रामीणों ने अब तक गांव को छोड़ा नहीं है ऐसे में अगर संयंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू होती है तो निश्चित तौर पर विरोध और उग्र होगा।

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