CM मोहन ने कांतिलाल भूरिया का नाम लिए बिना कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा- ‘जब मुख्यमंत्री बनाने का समय आया तो…’

झाबुआ: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने गुरुवार को झाबुआ लोकसभा सीट से बीजेपी (BJP) प्रत्याशी अनीता नागर के पक्ष में जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान कांग्रेस (Congress) प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया को लेकर उन्होंने कांग्रेस पर सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा जब मुख्यमंत्री बनाने का मौका आया तो कांग्रेस ने कांतिलाल भूरिया (Kantilal Bhuria) के नाम को दरकिनार कर दिया.

कांतिलाल भूरिया को लेकर कसा तंज
झाबुआ लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी अनीता नागर ने गुरुवार को अपना नामांकन किया. इस दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया का नाम लिए बिना कहा वे विधायक, सांसद, प्रदेश में मंत्री, देश में मंत्री और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं मगर जब मौका आया तो उन्हें कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नहीं बनाया.

इस मौके पर उन्होंने स्वर्गीय जमुना देवी के नाम का भी जिक्र किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय जमुना देवी को भी मौका आने पर मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी कांग्रेस का उठावना होना ही चाहिए. उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने वाले नेताओं के लिए भी जनसभा में मौजूद लोगों से जमकर ताली बजाने को कहा.

वहीं झाबुआ को लेकर एक्स पर पोस्ट कर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लिखा कि झाबुआ का हर हाथ भाजपा के साथ. जिस झाबुआ क्षेत्र में दिन के उजाले में भी लोग जाने से डरते थे, आज वही क्षेत्र विकास की नई गाथा लिख रहा है. बाबा डूंगरदेव के आशीर्वाद से समृद्ध झाबुआ में दूरस्थ अंचलों से पधारे लोगों का उत्साह प्रमाण है कि मध्यप्रदेश में जनजातीय क्षेत्र के कल्याण में डबल इंजन सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. यही वजह है कि झाबुआ भी बीजेपी के 400 पार के संकल्प को सिद्ध करने के लिए तैयार है.

‘पर्ची वाले मुख्यमंत्री को कांग्रेस की चिंता की जरूरत नहीं’
वहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आरोपों पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि मोहन यादव को मुख्यमंत्री न तो जनता ने चुना हैं और न ही विधायकों ने, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्ची से उनका नाम निकला है. इसलिए वे प्रदेश में पर्ची वाले मुख्यमंत्री के नाम से फेमस है. मुख्यमंत्री को कांग्रेस की चिंता करने की जरूरत नहीं है. कांग्रेस में विधायक दल अपने नेता को चुनता है. यहां पर किसी प्रकार की पर्ची का सिस्टम नहीं है.

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