दिग्विजय और सिंधिया की जुबानी जंग के बीच कूदे CM शिवराज, ज्योतिरादित्य के समर्थन में कही ये बात

जबलपुर (Jabalpur) । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में राजा (दिग्विजय सिंह) (Digvijay Singh) और महाराजा (ज्योतिरादित्य सिंधिया) (Jyotiraditya Scindia) के बीच जुबानी जंग में अब शिवराज (Shivraj) भी कूद गए हैं. सीएम चौहान ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पक्ष में बयान देते हुए कांग्रेस नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह दोनों को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा, “आखिर कांग्रेस में कितना अपमान सहते. चुनाव लड़ा ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम पर और बुजुर्ग कमलनाथ जी को मुख्यमंत्री बना दिया.”

यहां बता दें कि शुक्रवार को मध्य प्रदेश के दो राजघराने आमने-सामने हो गए. इस दौरान दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया राजनीतिक बयानबाजी में उलझे रहे. बयानबाजी की शुरुआत सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने की. उज्जैन में मीडिया ने जब दिग्विजय सिंह से पूछा कि यदि इस बार भी कांग्रेस की सरकार बनने के बाद कोई नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह विरोध पर उतर कर बीजेपी में शामिल हो जाएगा तो कांग्रेस क्या करेगी?

‘कांग्रेस में कोई दूसरा ज्योतिरादित्य सिंधिया पैदा ना हो’
इस पर उन्होंने कहा, “हे महाकाल, कांग्रेस में कोई दूसरा ज्योतिरादित्य सिंधिया पैदा ना हो.” उन्होंने यह भी कहा कि जब कमलनाथ सरकार को गिराया गया, उस समय राजा-महाराजा बीजेपी के हाथों बिक गए. इस दौरान दिग्विजय ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जमकर निशाना साधा. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के गरीब विधायकों को बीजेपी ने 25 से 50 करोड़ रुपये का ऑफर किया, लेकिन उन्होंने कांग्रेस को धोखा नहीं दिया.

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी किया पलटवार
इसके बाद दिग्विजय सिंह के बयान पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तीखा पलटवार किया. उन्होंने ट्वीटर पर जवाब देते हुए लिखा, “हे प्रभु महाकाल, कृपया दिग्विजय सिंह जी जैसे देश-विरोधी और मध्य प्रदेश के बंटाधार, भारत में पैदा ना हों.”

‘कांग्रेस में कब तक अपमान सहते’
अब सिंधिया के पक्ष में खड़े होने की बारी शिवराज की थी. इस जुबानी जंग में कूदते हुए सीएम ने कहा कि आखिर कांग्रेस में कितना अपमान सहते. चुनाव लड़ा ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम पर और बुजुर्ग कमलनाथ जी को मुख्यमंत्री बना दिया. सरकार भी कमलनाथ जी नहीं पीछे से दिग्गी राजा (दिग्विजय सिंह) चला रहे थे. कमलनाथ भी नाम मात्र के मुख्यमंत्री थे.

दोनों राजघरानों में लंबी चलेगी अदावत
सीएम ने कहा कि सिंधिया जी और उनके सहयोगी बार-बार जन समस्याओं की ओर ध्यान दिला रहे थे लेकिन कमलनाथ जी का अहंकार इतना बड़ा था कि जब सिंधिया जी ने कहा कि यह काम नहीं होंगे तो हम सड़क पर उतर जाएंगे, तो उन्होंने कहा कि उतर जाओ. अगर वो गलत लोग होते तो जनता हजारों वोटों से कैसे जिता देती. किसी की मेहरबानी से हम सरकार नहीं चला रहे हैं. उन्होंने इस्तीफा दिया, चुनाव लड़ा और शान से जीतकर आए.

कांग्रेस में छोटेपन की होड़ लगी हुई है. राजनीतिक जानकार कह रहे हैं कि मध्य प्रदेश के दो राजघरानों की यह पुरानी राजनीतिक अदावत लंबी चलेगी. विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही दोनों ओर से बयानबाजी और तीखी होती जाएगी.

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