वसूलीबाज विद्युत मंडल को लाखों रुपए पैनल्टी के ही मिल जाते हैं, 35 हजार लोग नहीं भरते टाईम पर बिल

  • लापरवाही जेब पर भारी…

उज्जैन। बिजली बिल पेपरलेस मोबाइल पर मिल रहे हैं, लेकिन बिल जमा करने में इंदौरियों की लापरवाही अभी भी बरकरार है। तकरीबन 20 फ़ीसदी उपभोक्ता समय पर बिजली बिल जमा नहीं कर रहे, जिसके कारण उन्हें हर महीने लाखो रुपए की पेनल्टी लग रही है। उज्जैन शहर में बिजली के 1 लाख 27 से ज्यादा उपभोक्ता हैं। इनमें से तकरीबन 1 लाख उपभोक्ता घरेलू बिजली का उपयोग करते हैं। उज्जैन शहर में 9 झोन पर बिजली वितरण, बिल संग्रहण एवं मेंटेनेंस आदि का काम देखा जाता है। हर झोन पर 3 से 5 हजार उपभोक्ता ऐसे हैं, जो बिल जमा करने की तिथि तक राशि जमा नहीं करते। ऐसे उपभोक्ताओं को बिजली कंपनी 5, 10, 20, 30 या इससे ज्यादा की पेनल्टी लगा देती है। औसत देखा जाए तो 35 हजार से ज्यादा शहर के उपभोक्ता समय पर अपना बिजली बिल जमा नहीं कर रहे हैं और इन पर कंपनी हर महीने 8 से 10 लाख रुपए की पेनल्टी लगा रही है। इसके साथ ही 2 महीने से कागज का प्रिंटेड बिजली बिल लोगों के घर नहीं जा रहा है। हजारों लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें मोबाइल के मैसेज के बारे में पता ही नहीं होता। उज्जैन के जागरूक उपभोक्ता अगर समय पर बिजली बिल जमा करें तो वे पेनल्टी के चक्कर से बच सकते हैं।

समस्या यह भी

  • शिकायत करने वाले उपभोक्ताओं में यह भी सामने आया कि जो उपभोक्ता बिजली बिल ऑनलाइन जमा करते हैं, लेकिन कंपनी के सॉफ्टवेयर में 24 या 48 घंटे बाद एंट्री हो पाती है। इसके कारण अंतिम तारीख को जमा की गई राशि के बाद भी झोन कर्मचारी बकायादार समझकर बिजली काट देते हैं। उपभोक्ता झोन के चक्कर लगाता हैं।
  • बिजली कंपनी पेपरलेस स्पार्ट बिल जारी कर रही है। उपभोक्ता को तुरंत रीडिंग का मैसेज पहुंच रहा है, लेकिन प्रक्रिया नई होने से सैकड़ों उपभोक्ताओं की शिकायत यह है कि उन्हें एसएमएस समय पर नहीं मिल रहा है।
  • सॉफ्टवेयर में बिल जमा करने का तुरंत अपडेशन नहीं होने से कई बार उपभोक्ता उस महीने के लिए डिफाल्टर हो जाता है और बिना कारण उसे पेनल्टी भी लग जाती है।
  • इंदौर शहर में 7 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं कंपनी के पास है। डेढ़ लाख के करीब स्मार्ट मीटर लगे हैं, जिनकी रीडिंग ऑटोमैटिक होती है, लेकिन. साढ़े 5 लाख उपभोक्ताओं की रीडिंग के लिए सिर्फ 2000 कर्मचारी ही झोन पर तैनात हैं।

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