सीएम हेल्पलाइन पर भी हो सकेगी खुले बोरवेल की शिकायत.. एप पर फोटो लोड होते ही शासकीय टीम होगी अलर्ट

  • शिकायतकर्ता को एसएमएस द्वारा शिकायत आईडी प्राप्त होगी-हेल्पलाइन एप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड होगा

उज्जैन। संभाग सहित अब प्रदेशभर में खुले बोरवेल से संबंधित दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए सीएम हेल्पलाइन एप्लीकेशन में एक नया माड्यूल शामिल किया गया है। इससे आमजन आसानी से रिपोर्ट कर सकेंगे।

खुले बोरवेल के गड्ढों में गिरने से हो रही मासूमों की मौत के मामले में मध्य प्रदेश सरकार लगातार सख्त कदम उठा रही है। उज्जैन संभाग सहित प्रदेश के कई ग्रामीण इलाकों और खेतों में आज भी बोरिंग फेल होने से गड्ढों को खुला छोड़ दिया जाता है। जबकि नियमानुसार इन गड्ढों को कांक्रीट से भरने की जिम्मेदारी बोरवेल खुदाई करने वाली कंपनी और बोरवेल लगवाने वाले दोनों पक्ष की है। इन खुले गड्ढों की शिकायत अब सीएम हेल्पलाइन पर भी हो सकेगी। खुले बोरवेल की शिकायत, ऐप पर फोटो अपलोड होते ही तुरंत जानकारी पहुँचेगी और संबंधित क्षेत्र की शासकीय टीम अलर्ट होगी। एप लागिन करने के बाद पंजीकृत मोबाइल नंबर को निर्धारित क्षेत्र में दर्ज करना होगा। खुले बोरवेल की तस्वीर अपलोड कर सबमिट करते ही शिकायत संबंधित विभाग को भेज दी जाएगी। शिकायतकर्ता को एसएमएस द्वारा शिकायत आइडी प्राप्त हो जाएगी। राज्य सरकार द्वारा खुले बोरवेल से संबंधित दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए सीएम हेल्पलाइन एप्लीकेशन में यह एक नया माड्यूल शामिल किया गया है। इससे आमजन आसानी से रिपोर्ट कर सकेंगे। हेल्पलाइन ऐप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर एप लागिन करने के बाद पंजीकृत मोबाइल नंबर को निर्धारित क्षेत्र में दर्ज करना होगा। एप्लीकेशन मेनू में स्थान, विभाग, जिला आदि की जानकारी के बाद खुले बोरवेल की तस्वीर अपलोड कर सबमिट करते ही शिकायत संबंधित विभाग को भेज दी जाएगी और संबंधित विभाग तत्काल अलर्ट होगा। शिकायतों के निराकरण के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकारी जो सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर लेवल 1, 2, 3, 4 अधिकारी के रूप में पूर्व से नामांकित हैं उन्हीं अधिकारियों को यहाँ भी नामांकित किया गया है। मध्य प्रदेश में पिछले एक साल में ऐसी कई घटनाएँ हो चुकी हैं जिनमें खुले बोरवेल में कोई बालक या बालिका दुघर्टनावश गिर जाता है। इसके बाद राहत दल, बचाव दल आता है, घंटों प्रयास किए जाने के बाद भी बच्चे को बचाने में सफलता नहीं मिल पाती है। कई बार अन्य राज्यों से मशीनरी बुलवाना पड़ती है। ऐसे में रेस्क्यू ऑपरेशन और लंबा खींच जाता है। बाद में जब बच्चे तक पहुँचते हैं तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। प्रदेश सरकार का मानना है कि आम लोगों द्वारा खुले बोरवेल के गड्ढों की सूचना देने में अगर आम नागरिक सहयोग करेंगे तो तत्काल एक्शन लेकर होने वाली दुर्घटनाओं पर रोक लगाया जा सकता है। इस संबंध में उज्जैन संभाग सहित प्रदेश के सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है।

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