कांग्रेस नेता ने ‘न्याय यात्रा’ पर उठा दिए सवाल, कहा- पंचक के दौरान यह यात्रा शुरू की जा रही…

नई दिल्ली: कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ (Congress’s ‘Bharat Jodo Nyay Yatra’) पर पार्टी नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishna) ने रविवार को अपने उन नेताओं पर सवाल खड़े कर दिए जो राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा (Ram temple’s life consecration) के ‘मुहूर्त’ पर सवाल उठा रहे हैं. उन्होंने कहा, ”पार्टी के जो नेता राम मंदिर के ‘मुहूर्त’ पर सवाल उठा रहे थे और विश्लेषण कर रहे थे, उन्हें कम से कम यह तो पता होना चाहिए था कि ‘शास्त्रों’ के अनुसार ‘पंचक’ लगता है और यह शुरू हो गया है और यह 18 जनवरी तक चलेगा.”

प्रमोद कृष्णम ने आगे कहा, ” ‘पंचक’ के इन पांच दिनों के दौरान कोई भी अच्छा काम शुरू नहीं किया जाता है. और इस अवधि के दौरान यह यात्रा शुरू की जा रही है. मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि वह इस यात्रा और राहुल गांधी को अपना आशीर्वाद दें.” यह यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर की राजधानी इंफाल के निकट थोबल से शुरू हो रही है और मार्च के तीसरे सप्ताह में मुंबई में इसका समापन होगा. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे.

‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ शुरू करने से पहले राहुल गांधी ने थोबल में खोंगजोम युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. यह एक ऐतिहासिक स्मारक है, जिसका उद्घाटन 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया था. यात्रा के दौरान राहुल गांधी हर दिन दो सभाओं को संबोधित करेंगे. इसके अलावा, वह हर दिन समाज के विभिन्न वर्गों के 20 से 25 लोगों से मिलेंगे. वह सामाजिक संगठनों के सदस्यों के साथ भी बातचीत करेंगे.

जयशंकर रमेश ने कहा कि अगले 11 दिनों के दौरान यात्रा पूर्वोत्तर के पांच राज्यों से होकर गुजरेगी. 23 जनवरी को राहुल गांधी घोषणापत्र के सिलसिले में गुवाहाटी में लोगों से जनसंवाद करेंगे. कांग्रेस का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले निकाली जा रही यह यात्रा 67 दिन में 15 राज्यों और 110 जिलों से होकर गुजरेगी. ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान लगभग 6,700 किलोमीटर की दूरी तय की जायेगी. यात्रा ज्यादातर बस से होगी, लेकिन कहीं-कहीं पदयात्रा भी होगी.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सात सितंबर 2022 से 30 जनवरी 2023 तक कन्याकुमारी से कश्मीर तक ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाली थी. उनकी 136 दिन की इस पदयात्रा में 12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के 75 जिलों और 76 लोकसभा क्षेत्रों से गुजरते हुए 4,081 किलोमीटर की दूरी तय की गई थी.

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