चुनाव आयुक्त गोयल के इस्तीफे पर कांग्रेस ने जताई चिंता, कहा-… तो लोकतंत्र पर कर लिया जाएगा कब्जा

नई दिल्ली (New Delhi)। चुनाव आयुक्त अरुण गोयल (Election Commissioner Arun Goyal) के इस्तीफे पर कांग्रेस (Congress) ने चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि यदि स्वतंत्र संस्थानों का व्यवस्थित विनाश नहीं रोका गया तो तानाशाही द्वारा लोकतंत्र पर कब्जा कर लिया जाएगा। बता दें, गोयल ने लोकसभा चुनावों (Lok Sabha elections) से पहले इस्तीफा दिया है। उनका कार्यकाल पांच दिसंबर 2027 तक था और अगले साल फरवरी में राजीव कुमार (Rajiv Kumar) के सेवानिवृत्त होने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) नियुक्त होते।

मल्लिकार्जुन खरगे ने साधा निशाना
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने एक्स पर कहा कि यह चुनाव आयोग है या चुनाव चूक। भारत में अब केवल एक चुनाव आयुक्त है। वह भी तब, जब कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनावों की घोषणा होनी है। अगर हम स्वतंत्र संस्थानों के व्यवस्थित विनाश को नहीं रोकते तो हमारे लोकतंत्र पर तानाशाही हावी हो जाएगा। ईसीआई अब गिरने वाली अंतिम संवैधानिक संस्थाओं में से एक होगी। चुनाव आयुक्तों के चयन की नई प्रक्रिया अब प्रभावी रूप से सत्तारूढ़ दल और पीएम मोदी के पास चली गईं हैं। कार्यकाल पूरा होने के 23 दिन बाद भी नए चुनाव आयुक्त की नियुक्ति क्यों नहीं की गई। मोदी सरकार को इन सवालों का जवाब देना चाहिए।

केसी वेणुगोपाल ने भी की आलोचना
कांग्रेस महासचिव संगठन के सी वेणुगोपाल ने एक्स पर कहा कि यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए बेहद चिंताजनक है। चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने लोकसभा चुनाव के ठीक पहले इस्तीफा दिया है। ईसीआई कैसे काम कर रही है। संवैधानिक संस्था कैसे काम कर रही है। सरकार उस पर किस तरह दबाव डालती है, इस बारे में कोई पारदर्शिता नहीं है। यह रवैया दर्शाता है कि शासन लोकतांत्रिक परंपराओं को नष्ट करने पर तुला हुआ है। ईसीआई को हर समय पूरी तरह से गैर-पक्षपातपूर्ण होना चाहिए।

तीन सदस्यीय ईसी में केवल एक ही सदस्य
कानून मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, गोयल का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार से स्वीकार कर लिया है। अभी तक यह साफ नहीं हुआ कि उन्होंने पद क्यों छोड़ा। गोयल पंजाब कैडर के 1985-बैच के आईएएस अधिकारी थे। वे नवंबर 2022 में चुनाव आयोग में शामिल हुए थे। अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति और गोयल के इस्तीफे के बाद, तीन सदस्यीय ईसी में अब केवल एक सदस्य ही बचा है।

टीएमसी ने की बाकी पद भरने की मांग
वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने कहा कि यह चिंताजनक है। आम चुनाव से पहले पैनल में दो नियुक्तियां की जानी चाहिए। एक्स पर एक पोस्ट में गोखले ने कहा कि अचानक चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने अचानक इस्तीफा दे दिया है। ईसी का पद खाली है। चुनाव आयोग के पास केवल एक मुख्य चुनाव आयुक्त रह गया है।

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