केन्द्रीय जेल में सजायाफ्ता कैदी की संदिग्ध हालत में मौत

  • परिजनों ने जेल के अन्दर लगाया है कैदियों के साथ अनुचित व्यवहार व उत्पीडऩ का आरोप

जबलपुर। केन्द्रीय जेल जबलपुर एवं जिला जेलों में कैदियों के साथ मारपीट और कई तरह के उत्पीडऩ के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। इसी तरह एक मामला और जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस केन्द्रीय कारागार में सामने आया है जिसमें एक कैदी की संदिग्ध हालत में उपचार के दौरान मौत हो गई। इस मामले में मरने वाले कैदी के परिजनों ने जेल में उत्पीडऩ और कई तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसमें मारपीट और पैसों के लिए लगातार प्रताडि़त करने की बात सामने आ रही है। इस घटना के बाद केन्द्रीय जेल में हड़कम्प की स्थिति है। मृतक कैदी के परिजनों ने प्रशासन से इस मामले की उचित जांच की बात कही है ताकि मौत की असली वजह का खुलासा हो सके। नेताजी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय जेल में बंद एक कैदी की मेडिकल अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई । 18 जून को केंद्रीय जेल में चौथी बार दाखिल हुआ कैदी सुरेश उर्फ मोनू विश्वकर्मा आदतन अपराधी रहा है जो विगत 5 सालों में कई बार जेल जा चुका है अधारताल क्षेत्र में रहने वाले मोनू विश्वकर्मा को बीते शनिवार मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया था ,जहां उसकी तबीयत बिगडऩे का हवाला दिया गया। इलाज के दौरान देर रात सुरेश उर्फ मोनू विश्वकर्मा की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। घटना की जानकारी लगने पर परिजन गढ़ा थाने और फिर मेडिकल अस्पताल पहुंचे और उसके बाद जेल प्रबंधन से भी बातचीत की।


परिजनों ने आरोप लगाए कि जेल के अंदर कैदियों के साथ हो रहा अनुचित व्यवहार और उत्पीडऩ उनके परिजन की मौत की वजह है। आए दिन जेल में कैदियों को परेशान किया जा रहा है उनसे अलग-अलग कार्य लिए जाते हैं और मानसिक रूप से परेशान किया जाता है पूरे मामले में वह निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं वही पूरे घटनाक्रम को लेकर जेल प्रबंधन का बयान भी सामने आया उप जेलर मदन कमलेश ने कहा कि जिस कैदी की मौत हुई है वह नशे का आदी रहा है और इंजेक्शंस का इस्तेमाल भी करता रहा नशे के चलते ही उसकी तबीयत बिगड़ी और उसे इलाज के लिए मेडिकल अस्पताल में दाखिल कराया गया था। परिजनों के आरोपों पर तत्काल जांच बिठा दी गई है और शव का पोस्टमार्टम होने के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया जाएगा।

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