शासकीय अस्पतालों में उपचार कराना हुआ कठिन

  • लाखों की आबादी वाले शहर में बड़े अस्पताल के नाम पर केवल नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडीकल कॉलेज और जिला अस्पताल

जबलपुर। नगर में वैसे तो आबादी के हिसाब से एक शासकीय मेडीकल कॉलेज और एक से ज्यादा जिला अस्पतालों की जरूरत है। जिस दौरान मेडीकल कॉलेज विक्टोरिया जिला अस्पताल की स्थापना हुई थी, उसके बाद आज शहर और आस-पास रहने वालों की संख्या में चार गुना से ज्यादा वृद्धि हो गई है। लेकिन यह कहना अनुचित नही होगा आज तक किसी ने जवाबदारी राजनीतिक दलों के जवाबदार नुमांइदों ने शहर की सबसे अहम् विषय या समस्या की तरफ ध्यान नहीं दिया।
गौरतलब है कि जबलपुर शहर तेजी से बीते दो से तीन दशकों में फैला है। यहां पर सैकड़ों की संख्या में आवासीय क्षेत्रों का विस्तार हुआ है। इसमें सबसे ज्यादा आर्थिक रूप से कमजोर एवं निम्र मध्य वर्गीय परिवार बहुतायत में हैं। ऐसे में जिस परेशानी का हर दूसरे परिवार के सदस्यों को उठानी पड़ती है, उसमें बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिये भारी मशक्कत करना है। चूंकि शासकीय अस्पताल मुख्य रूप से दो हैं, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को छोड़ दिया जाये तो बाकी जगह कमोवेश स्थिति एक सामान है। राजनीतिक दलो ने अपने वचन पत्र या घोषणा पत्र में यह उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं समझी कि जबलपुर में शासकीय स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने के लिये बड़े अस्पताल नये स्थापित किये जाएंगे। यह संस्कारधानी वासियों के लिये दुर्भाग्य से कम नही है। जबलपुर में ऐसे नेताओं की कमी नहीं रही है जिनकी वजनदारी भोपाल और दिल्ली में न रही हो। परंतु इसका लाभ विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में जबलपुर की जनता को नहीं मिल सका है। जिला अस्पताल पर एक नजर-जिला अस्पताल में पांच सौ मरीज प्रतिदिन- एक जानकारी के अनुसार पीक अवर्स में प्रतिदिन पांच सौ मरीज जिला अस्पताल पहुंचते हैं। अभी अस्पताल में लगभग तीन सौ बिस्तर हैं। ओपीडी में मरीजों की लंबी-लंबी लाइन लगना सामान्य बात है। ऐसी स्थिति में खुद ही इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस हालात में आम मरीज शासकीय अस्पताल में उपचार कराने को मजबूर हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार जरूरी: विनय सक्सेना
इस बारे में उत्तर मध्य के विधायक विनय सक्सेना ने माना है कि शहर की आबादी के हिसाब से शासकीय स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि समय की मांग है। उन्ह ोंने बताया कि जिला अ स्पताल में तीन सौ बिस्तर को उन्होंने बढ़वाने का काम किया है। इसके अलावा मनमोहन नगर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों का उपचार किया जा रहा है। यहां पर सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है, आने वाले दिनों में और ज्यादा स्वास्थ्य सुविधाएं आम मरीजों को मिलने लगेंगी। हालाकि उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र जिस तेजी से निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है उससे आम मरीजों की मुश्किलें बढ़ी हैं और उपचार शासकीय अस्पतालों में कठिन हो गया है, मजबूरी के चलते ही लोग शासकीय अस्पतालों की तरफ रूख करते हैं। इस तरफ ध्यान देने की आवश्यकता है।

अस्पतालों में सुविधाएं बढऩे से भरोसा बढ़ा: अजय विश्नोई
इस संबंध में प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एवं पाटन विधायक अजय विश्नोई ने कहा है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान जिला अस्पताल में नये चिकित्सकों के पदों का सृजन करने का काम किया था, जिसके बाद सीनियर डाक्टर जिला अ स्पताल में पोस्टेड हो गये और इसका लाभ आम मरीजों को शासकीय अस्पताल मं मिलने लगा। विक्टोरिया अस्पताल में पाच सौ बिस्तर की सुविधा मिलने वाली है, इसके हिसाब से अधोसंरचना की तरफ ध्यान देना होगा, श्री विश्नोई ने कहा कि मेडीकल और जिला अ स्पतालों में बेहतर उपचार हो रहा है इससे लोगों का भरोसा ब ढ़ा है और इसीलिये यहां पर मरीजों की संख्या भी बढ़ी है और लोग ज्यादा अपेक्षा सरकार से करते हैं।

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