Elecciones Lok sabha 2024: अमित शाह ने रख दी एकनाथ शिंदे और अजित पवार के आगे टफ डील

नई दिल्‍ली (New Delhi)। लोकसभा चुनाव 2024 (elecciones lok sabha 2024) के लिए महाराष्ट्र में एनडीए गठबंधन के सीट बंटवारे पर मंगलवार को अमित शाह ने चर्चा की। उन्होंने सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम अजित पवार से मुलाकात की। इस दौरान देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद रहे।

मीटिंग में एकनाथ शिंदे थोड़े नरम दिखे और पहले 22 सीटें मांग रही शिवसेना ने 13 लोकसभा सीटों की बात रखी। वहीं अजित पवार ने मांग रखी कि बारामती समेत उन्हें 8 सीटें दी जाएं। इस पर अमित शाह ने टफ डील रखते हुए एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 10 सीटों का ऑफर किया और अजित पवार की पार्टी को 4 ही सीटें देने को कहा।

इनमें से एक सीट बारामती और दूसरी गढ़ चिरौली की होगी, जहां अजित पवार अपनी पत्नी सुनेत्र को उतारना चाहते हैं। बारामती सीट से शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले सांसद बनती रही हैं। गढ़चिरौली से अजित पवार राज्य सरकार में मंत्री धर्मराव बाबा आत्राम को उताना चाहते हैं। भाजपा चाहती है कि 48 में से 32 सीटें वह खुद लड़े और बाकी सीटें गठबंधन के साथियों को दी जाएं। अमित शाह ने कहा कि भाजपा के जीतने की संभावनाएं लोकसभा में अधिक हैं। इसलिए अभी हमें ज्यादा सीटें दीजिए। फिर विधानसभा चुनाव में गठबंधन के साथियों के लिए भाजपा ज्यादा सीट छोड़ देगी। इस तरह अमित शाह ने टफ डील के साथ एक बड़ा वादा भी कर दिया है।


भाजपा चाहती है कि परभणी, औरंगाबाद, उस्मानाबाद और रत्नागिरी सिंधुदुर्ग की सीटों में फेरबदल भी कर लिया जाए। अब मुंबई की बात करें तो यहां एकनाथ शिंदे की पार्टी ने 2 सीटों की मांग रखी है। लेकिन भाजपा एकमात्र ठाणे सीट ही देना चाहती है। यह सीट शिवसेना का गढ़ रही है और खासतौर पर एकनाथ शिंदे का अच्छा प्रभाव रहा है। देर रात तक चली मीटिंग में अमित शाह ने साफ ऑफर रखा कि आप लोग अभी कम सीटें ले लीजिए। फिर इसके बदले में विधानसभा में अधिक सीटें आपको ऑफर की जा सकती हैं।

इस बीच एक भाजपा ने बताया कि महाराष्ट्र की सीटों को लेकर भी अब विचार होगा। अभी जिन सीटों के लेकर मतभेद की स्थिति है, उन्हें छोड़कर कुछ उम्मीदवारों के नामों का ऐलान हो सकता है। उन्होंने अगले कुछ दिनों में ही तीनों गठबंधन के साथी सीटों के मसले को हल कर लेंगे। बता दें कि अमित शाह का महाराष्ट्र दौरा सीट बंटवारे के लिहाज से अहम था। इस बीच उन्होंने संभाजीनगर में एक रैली को भी संबोधित किया। यहां उन्होंने मौजूदा सांसद इम्तियाज जलील का जिक्र करते हुए कहा कि यहां से निजाम का शासन खत्म करने की जरूरत है।

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