सेना हेलीकाप्टर दुर्घटना बचाव अभियान में पहुंचे विशेषज्ञ , मांगी अंतराष्ट्रीय सहायता

जम्मू । 3 अगस्त को जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के कठुआ (Kathua) में रंजीत सागर बांध (Ranjit Sagar Dam) में दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर के लिए गहरे पानी के नीचे खोज जारी है। इस अभियान के लिए अंतरराष्ट्रीय सहायता मांगी गई है। सेना ने मंगलवार को कहा कि विशेषज्ञ, विशेष उपकरण और गोताखोरों को भेजा जा रहा है। इस मौसम में पानी की कोलाइडल प्रकृति (Colloidal Nature) के कारण 50 मीटर से कम दृश्यता के कारण ऑपरेशन (Operation) चुनौतीपूर्ण बना हुआ है, जो सोनार और अन्य सेंसर की सटीकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इसने अंतरराष्ट्रीय सहायता की प्रकृति के बारे में विस्तार से नहीं बताया। हेलीकॉप्टर (Helicopter) के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद से आर्मी एविएशन कोर (Army Aviation Corps) के दो पायलट लापता हैं।

“ भारतीय नौसेना (Indian Navy) की गहरी गोताखोर टीम (Deep Dive Team) के प्रयासों का समन्वय कर रही है। जिसमें दो अधिकारी, चार जेसीओ (जूनियर कमीशन अधिकारी) (Junior Commissioned Officer) और 24 अन्य रैंक शामिल हैं। सात ही भारतीय सेना (Indian Army) के विशेष बल गोताखोरों की टीम जिसमें दो अधिकारी, एक जेसीओ (Junior Commissioned Officer) और 24 अन्य रैंक शामिल हैं, बहु -बीम सोनार, साइड स्कैनर, दूर से संचालित वाहन और अंडरवाटर मैनिपुलेटर (Underwater Manipulator) जो चंडीगढ़, दिल्ली, मुंबई (Chandigarh, Delhi, Mumbai) और कोच्चि से उड़ाए गए हैं और बांध के दुर्घटनास्थल पर कार्रवाई में लगाए गए हैं, ”रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद (Defense Spokesperson Lt Col Devendra Anand) ने कहा। साथ ही यह भी कहा कि खराब मौसम और बारिश के बावजूद तलाश की जारी है।

आनंद ने बताया कि देश भर से सेना, नौसेना, भारतीय वायुसेना (Army, Navy, Indian Air Force), अन्य एजेंसियों और निजी फर्मों की विशेषज्ञता और उपकरणों को भी काम में लिया गया है। “60 मीटर गुणा 60 मीटर के एक छोटे से क्षेत्र को स्थानीयकृत किया गया है और कोच्चि से लाए गए विशेष सोनार उपकरण का उपयोग किया जा रहा है। ताकि खोज अभियान अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर सके।” बता दे कि यह बांध 25 किमी लंबा, 8 किमी चौड़ा और 500 फीट से अधिक गहरा है।

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