वित्त मंत्री ने बजट भाषण में क्‍यों किया कॉन्फ्रेंस टूरिज्म का जिक्र, जाने क्‍या है इसके पीछे वजह?

नई दिल्‍ली (New Delhi) । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने गुरुवार (1 फरवरी) को मोदी सरकार 2.0 का आखिरी बजट (Budget) पेश किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने कार्यकाल का छठा बजट पेश किया है। इस मिनी बजट में भी फिर सरकार ने कई बड़े एलान किए। वित्त मंत्री ने इस बजट में महिलाओं, युवाओं और किसानों से जुड़ी वेलफेयर स्कीम के लिए फंड जारी किया गया है। निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में देश का पूरा वित्तीय लेखा-जोखा जनता के सामने रखा।

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान कांफ्रेंस टूरिज्म का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमारी आर्थिक ताकत ने देश को व्यापार और कॉन्फ्रेंस टूरिज्म के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना दिया है। बेहद कम लोग कॉन्फ्रेंस टूरिज्म के बारे में जानते होंगे। आज हम आपको अपने लेख में बताते हैं कि आखिर कॉन्फ्रेंस टूरिज्म क्या है? इसके साथ ही यह भी जानते हैं कि इतना जरूरी क्यों है?

क्या है कॉन्फ्रेंस टूरिज्म?
भारत के लिए यह शब्द नया है, लेकिन दुनिया में कॉन्फ्रेंस टूरिज्म का इस्तेमाल काफी लंबे समय से हो रहा है। कॉन्फ्रेंस टूरिज्म एक तरह का पर्यटन है। इसमें लोग समागमों, सम्मेलनों, वर्कशॉप्स, सेमिनार्स और अन्य आयोजनों के लिए अलग-अलग स्थलों पर यात्रा करते हैं। यह टूरिज्म विशेष तौर पर व्यापारिक और पेशेवर उद्देश्यों के लिए होता है और व्यवसायिक, शैक्षिक, वैज्ञानिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक आयोजनों का हिस्सा हो सकता है।

उदाहरण से कॉन्फ्रेंस टूरिज्म को समझने की कोशिश करते हैं। जिनेवा इंटरनेशनल मोटर शो या बार्सिलोना मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस का नाम तो आपने सुना ही होगा। दरअसल, एक समारोह एक तरह के इंटरनेशनल एग्जीबिशन हैं। यहां पर पूरी दुनिया की टेक और ऑटो कंपनियां प्रोडेक्ट का प्रदर्शन करती हैं। यह समारोह इतने मशहूर हैं कि इसमें शामिल होने के लिए पूरी दुनिया से लोग आते हैं।

अर्थव्यस्था के लिए कैसे है फायदेमंद?
कॉन्फ्रेंस टूरिज्म’ किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद फायदेमंद होता है। दुनियभर की कंपनियां बिजनेस ट्रैवल पर हर वर्ष हजारों करोड़ रुपये खर्च करती हैं। कॉन्फ्रेंस टूरिज्म से एक ही बार में अलग-अलग सेक्टर को फायदे मिलते हैं। इससे एविएशन से लेकर हॉस्पिटैलिटी और ट्रैवल सेक्टर को बढ़ावा मिलता है। इसके साथ ही देश में इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने में मदद मिलती है।

इस तरह के समारोह से देश के पर्यटन स्थलों पर विदेशी मेहमानों की संख्या बढ़ती है। इसके साथ ही स्थानीय व्यपार को भी फायदा मिलता है। कई ऐसे देश हैं, जिनकी अर्थव्यवस्था छोटी है, लेकिन उनकी ऐसे समारोह से हर साल अच्छी कमाई होती है।

Leave a Comment