भ्रष्टाचारी आयुष्मान जिला समन्वयक अधिकारी को स्वास्थ्य विभाग ने बनाया सरकारी दामाद

  • अधिकारी, अस्पताल और भुवन साहू मिलकर खेल रहे हैं जनता के पैसों की होली
  • युवा कांग्रेस पत्रकारवार्ता में करेगी आयुष्मान जिला समन्वयक अधिकारी को लेकर बड़े खुलासे

जबलपुर। स्वतंत्र रूप से आयुष्मान जिला समन्वयक अधिकारी भुवन साहू के काले कारनामों का कच्चा चि_ा खोल रहा है, जिसमें की एक वायरल रिकॉर्डिंग तक सामने आई जहां पर जिला समन्वयक अधिकारी भुवन साहू लगातार अस्पताल के एजेंट से खुलकर पैसों की मांग कर रहा है। सीएमओ द्वारा बार-बार इस अधिकारी पर कार्यवाही करने की बात कही थी परंतु अभी तक जिला समन्वयक अधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है और भुवन साहू लगातार अस्पतालों के साथ मिलकर सरकार के पैसों की होली खेल रहा है

कॉल रिकॉर्डिंग में सामने आया था सच
आयुष्मान का यह घोटाला जिले एवं प्रदेश स्तर पर बहुत बड़े पैमाने में किया गया था। वर्तमान में सारे अस्पताल इन घोटालों से तटस्थ नजर आ रहे हैं, परंतु सोचने वाली बात यह है कि कैसे स्टेट हेल्थ एसोसिएशन एवं विडाल के सबसे विश्वसनीय अधिकारी जो वर्तमान में जबलपुर जिले में आयुष्मान भारत जिला समन्वयक अधिकारी भुवन साहू किस प्रकार से इनका इस घोटाले में नाम तक नहीं लिया गया। जबकि इनका इन घोटालों से प्रत्यक्ष रुप से संबंध था। प्रत्येक समय यह व्यक्ति किसी प्रभावी व्यक्ति के प्रभाव के द्वारा अपना नाम सामने जाहिर नहीं होने देता है, जबकि इनकी कॉल रिकॉर्डिंग व्यक्तिगत रूप से स्वयं को फायदा देने के लिए अस्पताल से कुछ परसेंट की मांग करते हुए बहुत ज्यादा वायरल हो चुकी है। प्रभावशाली अस्पताल संचालकों ने व्यक्तिगत रूप से इन को सहयोग प्रदान किया। सूत्रों के अनुसार भुवन की जड़ें बहुत गहरी हैं या इस अधिकारी को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है । स्वास्थ्य सूत्रों के अनुसार आयुष्मान घोटाले में सबसे बड़ा आरोपी कहीं न कहीं भुवन साहू था, परंतु वह लगातार अस्पताल संचालकों को कहीं न कहीं आर्थिक रूप से आयुष्मान कार्ड के माध्यम से लाभ पहुंचाता रहा जिसके उपरांत जब जांच की आंच भवन के गले तक पहुंची उस वक्त इन्हीं अस्पताल संचालकों ने भुवन को इस जांच से बचा लिया।

ऊपर के अधिकारियों से संरक्षण प्राप्त
मामले का खुलासा होने के बाद शहर के आयुष्मान अधिकारी भुवन साहू की जांच को लेकर एमपी की जिम्मेदारी संभालने वाले योजना के डायरेक्टर डॉ पद्माकर त्रिपाठी भी आए थे। उन्होंने स्थानीय स्तर पर प्रारंभिक जांच रिपोर्ट की पड़ताल करने के साथ योजना से जुड़े अधिकारियों से भी पूछताछ की थी। उस वक्त डायरेक्टर त्रिपाठी का गुपचुप तरीके हुआ दौरा भी चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रदेश स्तर के इस अधिकारी ने मीडिया से भी दूरी बनाकर रखी और चर्चा करने में परेहज किया था। बड़ी प्लानिंग के साथ हुए फर्जीवाड़े विभाग से जुड़े कितने लोगों जानकारी मांगी गई है, यह भी उन्होंने नहीं बताया। ऐसे में जानकारों का कहना है कि डॉ पाठक के इस कांड पर योजना से जुड़े जिला समन्वयक अधिकारी के पद पर पदस्थ भुवन मोहन साहू को भी बचाया गया था, क्योकि फर्जी मरीज के भर्ती होने के अप्रूवल से लेकर इलाज के भुगतान तक बड़ा खेल हुआ।

डॉक्टर पाठक दंपति का काले धंधे में राजदार
एसआईटी की टीम द्वारा जब सेंट्रल किडनी अस्पताल में हुए आयुष्मान कार्ड के फर्जीवाड़े की जांच की तो आयुष्मान योजना के जिला समन्वयक भुवन साहू की भूमिका संदेहास्पद समझ में आई थी। यही वो अधिकारी है जिनकी देखरेख में डॉ पाठक दंपति का काला धंधा बढ़ता गया । इनके रहते हुए हॉस्पिटल में भर्ती होने वाले योजना के मरीजों का किस आधार पर फील्ड वेरिफिकेशन हुआ, जांच का यह सबसे बड़ा एंगल था। क्योकि जब इस मामले का खुलासा हुआ था, उसी वक्त पता चले फर्जी मरीजों के सारे रिकॉर्ड क्यों जब्त नहीं किए गए?

शहर के सबसे बड़े अस्पताल का संरक्षण
स्वास्थ्य सूत्रों से अग्निबाण को प्राप्त जानकारी के अनुसार इतने दिनों भवन के ऊपर कार्यवाही ना होने का कारण एक बड़े अस्पताल संचालक तथा शहर के ही भाजपा नेता का संरक्षण होना बताया गया है नाम न छापने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने यह दावा किया कि किसी बड़े अस्पताल संचालक और भाजपा नेता ने ही भवन का नाम जहां से अलग करने का दबाव बनाया था। जिसके बाद भुवन एक मोटी रकम अदा करते हुए इस मामले से निकल गया।

युवा कांग्रेस पत्रकार वार्ता में करेगी खुलासा
दूसरी तरफ मामले को लेकर जल्द ही युवा कांग्रेस ने जमकर अपना विरोध दर्ज किया है युवा कांग्रेस के नगर अध्यक्ष जतिन राज का कहना है कि आयुष्मान कार्ड योजना के जिला समन्वयक अधिकारी भुवन साहू को लेकर हमारे पास पिछले कई दिनों से शिकायतें प्राप्त हो रही थी, जिसमें की भुवन साहू द्वारा करोड़ों का भुगतान फर्जी तरीके से अस्पतालों को किया गया है। जिसके पूर्ण रूप से साक्ष्य एवं सबूत संगठन को प्राप्त हुए हैं। जल्दी पत्रकार वार्ता के माध्यम से जिला समन्वयक अधिकारी भवन साहू का काला चेहरा सबके सामने लाया जाएगा और उन अस्पतालों के भी नाम उजागर किए जाएंगे, जिनको आयुष्मान योजना के जिला समन्वयक अधिकारी भुवन साहू ने फर्जी तरीके से भुगतान करवाया है।

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