धार्मिक स्थलों पर बुलडोजर चलने से पहले हाईकोर्ट ने लगाई रोक

जबलपुर (Jabalpur)। छावनी परिषद (Cantonment Board) के तीन प्रमुख धार्मिक स्थलों (major religious places) को हटाए जाने को लेकर बुधवार की सुबह से ही गहमागहमी बनी हुई थी। शाम होते – होते मंदिरों को न तोड़ें जाने को लेकर उच्च्च न्यायालय (High Court) में दाखिल आवेदन पर सुनवाई के पश्चात न्यायालय ने कार्रवाई पर रोक लगा दी है। यह जानकारी पत्रकारों को छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष अभिषेक चौकसे ने दी ।

 

जानकारी के अनुसार बुधवार को प्रस्तावित कार्रवाई को ध्यान में रखते हुए छावनी परिषद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और रक्षा संपदा विभाग के अधिकारी तय समय पर केंट पुलिस थाने पहुंच गए थे। वहीं जिन धार्मिक स्थलों को चिन्हित किया गया था, वहां भी काफी हलचल बनी हुई थी। मंदिरों के अंदर भजन कीर्तन हो रहा था तो सड़क पर नारेबाजी चल रही थी। इसी बीच बाबादीन चौक स्थित हनुमान मंदिर समिति की ओर से कांग्रेस नेता अभिषेक चौकसे, अमरचंद बावरिया, राहुल रजक ने पुलिस एवं प्रशासन के आला अधिकारियों को बताया कि उन्होंने ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में अर्जेंट हेयरिंग के लिए आवेदन लगाया है। आवेदन पर सुनवाई हो जाने तक जनभावना को ध्यान में रखते हुए उन्हें कुछ घंटों का समय दिया जाए । जिसके चलते प्रशासन की कार्रवाई शाम 5 बजे तक न्यायालय की सुनवाई तक रूकी रही।


उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने शासकीय भूमि पर बनाए गए व यातायात में बाधक धार्मिक स्थालों को हटाने का आदेश दिया था। इस मामले में याचिकाकर्त्ता ने न्यायालय को बताया था कि 2014 से अवमानना याचिका लंबित होने के बाद भी अभी तक कई धार्मिक स्थलों को नहीं हटाया गया है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने तत्काल बचे हुए धार्मिक स्थल हटाने के निर्देश दिए है। उच्च्च न्यायालय को पूर्व में शासकीय भूमि पर बने धार्मिक स्थलों की जो सूची छावनी परिषद द्वारा प्रस्तुत की गई थी, उसमें पहलवान बाबा चौक स्थित हनुमान मंदिर, पंचमुखी हनुमान मंदिर सदर एवं बाबादीन चौराहा स्थित हनुमान मंदिर को हटाया जाना था। उच्च न्यायालय से कार्रवाई रोकने की सूचना मिलते ही क्षेत्रीय जनों ने ख़ुशी एवं हर्षोल्लास के साथ तीनों हनुमान मंदिरों में पूजन-पाठ का दौर शुरू हो गया, चंहुओर जयश्री राम के नारे लगाने लगे।

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