सुक्‍खु से नाराज और बैचेन थे विधायक, लेकिल इस पैमाने पर बगावत करेंगे इसका अंदाजा पार्टी को नहीं था

नई दिल्‍ली (New Dehli)। हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में दिग्गज कांग्रेस अभिषेक मनु सिंघवी (Veteran Congress Abhishek Manu Singhvi)की हार कांग्रेस के लिए बड़ी शर्मिंदगी (big embarrassment)की बात हो सकती है। हालांकि, केंद्रीय नेतृत्व और खुद सिंघवी को पहले से जानकारी थी कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Chief Minister Sukhwinder Singh Sukhu)से नाराज कुछ भर विधायक बेचैन हैं। लेकिन इस पैमाने पर विधायक बगावत करेंगे इसके अंदाजा नहीं था। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है।

पूर्व कांग्रेस नेता हर्ष महाजन को मैदान में उतारने का भाजपा का निर्णय एक स्पष्ट संकेत था कि वह कांग्रेस में असंतोष को भुनाने की कोशिश कर रही थी। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व को 27 फरवरी से कम से कम एक सप्ताह पहले हिमाचल कांग्रेस में जो चल रहा है उसकी भनक पहले ही लग गई थी। इसके बाद कांग्रेस आलाकमान ने उन विधायकों पर ध्यान केंद्रित किया जो नाराज चल रहे थे। उन सभी तक पहुंचने के लिए हर कोशिश की गई। बागी विधायकों का नेतृत्व कर रहे सुधीर शर्मा और राजिंदर राणा को भी मनाने की कोशिश की गई।

कांग्रेस ने अपने दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को राणा से बात करने की जिम्मेदारी दी। आपको बता दें कि दोनों ही कभी हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के वफादार थे। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला को शर्मा से बात करने के लिए कहा गया, जिनके साथ उनके अच्छे व्यक्तिगत समीकरण थे। सूत्रों ने कहा कि सिंघवी ने भी कुछ नेताओं से बात की। उनमें चैतन्य शर्मा, इंदर दत्त लखनपाल, दविंदर कुमार भुट्टो और रवि ठाकुर शामिल थे।

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और मुख्यमंत्री सुक्खू के बीच बातचीत नहीं हो रही थी। शर्मा और राणा दोनों सुक्खू द्वारा मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने से नाराज थे।

सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने सुक्खू और प्रतिभा सिंह के साथ-साथ पार्टी के प्रभारी राजीव शुक्ला को इसकी जानकारी दी थी। हालांकि, सुक्खू और शुक्ला के बीच भी कभी बात नहीं बनी। कांग्रेस आलाकमान को यह लगता है कि सुक्खू और राजीव शुक्ला ते सतर्क नहीं रहने और संकट को टालने के लिए आवश्यक तत्परता न दिखाने के कारण ऐसी स्थिति पनपी। सूत्र ने कहा, “सुक्खू ने शायद इसे बहुत हल्के में लिया। वह आलाकमान को बताते रहे कि सब कुछ ठीक है। शुक्ला भी दोष से बच नहीं सकते हैं। वह उन सभी को बहुत अच्छी तरह से जानते थे।”

शुक्रवार को सुक्खू ने कहा कि संकट खत्म हो गया है और सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें संभावित क्रॉस-वोटिंग के बारे में कोई अंदेशा था और क्या आलाकमान ने उन्हें सचेत किया था, उन्होंने कहा, “मुझे इसका थोड़ा बहुत अंदेशा थ। हाईकमान ने भी अवगत करवाया था कि 2-3 विधायक मंत्री बनना चाहते थे। वे परेशन हैं। मुझे पता था कि वे परेशान थे।

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