हिमंत बिस्वा सरमा का ऐलान, राहुल गांधी को गुवाहाटी में नहीं देंगे ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ करने की इजाजात

गुवाहाटी (Guwahati) । राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ मणिपुर (Manipur) से शुरू होने वाली है। इसके असम (Assam) से गुजरने का भी प्लान है। इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Chief Minister Himanta Biswa Sarma) का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने गुरुवार को साफ-साफ कहा कि कांग्रेस नेता की यात्रा को असम की राजधानी गुवाहाटी के भीतर अनुमति नहीं दी जाएगी। सरमा ने दिसपुर के जनता भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यात्रा के दौरान असम में स्कूलों या शैक्षणिक मैदानों की अनुमति नहीं दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि गुवाहाटी में खानापारा से जालुकबारी तक की सड़क पर कई नर्सिंग होम के कारण अत्यधिक यातायात रहता है, जिससे बार-बार एम्बुलेंस की आवाजाही होती है। इसलिए राहुल गांधी की न्याय यात्रा को इस मार्ग पर अनुमति नहीं दी जाएगी।

असम में मिलेगी भारत जोड़ो न्याय यात्रा की अनुमति: हिमंत
हालांकि, उन्होंने यह कहा कि यदि कांग्रेस भारत जोड़ो न्याय यात्रा के लिए अनुमति मांगती है तो राज्य सरकार जैसे सभी पर्यटकों का स्वागत करती है, ठीक उसी प्रकार उसे इजाजत देगी। सरमा ने कहा कि हालांकि, कांग्रेस द्वारा असम में यात्रा आयोजित करने को लेकर अनुमति के लिए उन्हें अभी तक कोई जानकारी नहीं है। सरमा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैंने मुख्य सचिव से पूछा है कि क्या कांग्रेस ने अनुमति मांगी है, लेकिन उन्हें भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, कांग्रेस अनावश्यक बतंगड़ बना रहे हैं। हमें नहीं पता कि वे कब और कहां आ-जा रहे हैं।

राम मंदिर पर हिमंत ने कांग्रेस को घेरा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का मौका दिया गया था लेकिन पार्टी ने निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया जिससे इतिहास उसे ‘हिंदू विरोधी’ के रूप में आंकता रहेगा। सरमा ने दावा किया कि कांग्रेस शुरुआत से ही अयोध्या में राम मंदिर के बारे में अपने विचारों को लेकर इस तरह के निमंत्रण की हकदार नहीं थी।

उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा,‘विश्व हिंदू परिषद ने अपने नेतृत्व में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने का निमंत्रण देकर कांग्रेस पार्टी को सुनहरा अवसर दिया था।’ उन्होंने कहा,‘कांग्रेस शुरुआत से ही अयोध्या में राम मंदिर के बारे में अपने विचारों को लेकर इस तरह के निमंत्रण की हकदार नहीं थी।’ सरमा ने कहा कि कांग्रेस इस निमंत्रण को स्वीकार कर ‘हिंदू समाज’ से माफी मांग सकती थी।

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