शहर विकास को कैसे लगें पंख,तीन सालों से नहीं हुई जिला योजना समिति की बैठक

  • कांग्रेस ने सरकार पर लगाया आरोप, प्रभारी मंत्री ने कहा चुनावी साल में मुद्दा बना रही कांग्रेेस

जबलपुर। जिला स्तर पर विकास योजनाओं की मंजूरी के लिए बनी जिला योजना समिति की अवधारणा जबलपुर में दम तोड़ रही है। जानकर हैरानी होगी कि जबलपुर में बीते 3 सालों से जिला योजना समिति की एक भी बैठक आयोजित नहीं की गई है। जबलपुर से जब पहले ही शिवराज कैबिनेट में एक भी मंत्री नहीं है तो कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को घेर रही है। जानकारी हो कि संविधान में ये प्रावधान है कि देश के हर जिले में जिला योजना समिति का गठन होगा, जिसमें पंचायतों, नगरीय निकायों और विधानसभा के प्रतिनिधि सदस्य होंगे। प्रावधान है कि जिला योजना समिति जिले की विकास योजनाओं को स्थानीय स्तर पर तय करेगी और उन्हें मंजूरी भी दे सकेगी। ये प्रावधान सत्ता के अधिकारों के विकेन्द्रीकरण के लिए ही किया गया था। लेकिन जबलपुर में यह सब बातें हवा हवाई साबित हो रही हैं। 3 साल पहले मार्च 2020 में प्रदेश की सत्ता बदलने के बाद देर-सवेर जिलों के प्रभारी मंत्री तो नियुक्त कर दिए गए, लेकिन कई जिलों में जिला योजना समिति की बैठकें ही आयोजित नहीं की गई। बात जबलपुर की ही करें तो पीडब्लूडी मंत्री गोपाल भार्गव को जबलपुर का प्रभारी मंत्री बनाया गया है। लेकिन उन्होने बीते 3 सालों से जिला योजना समिति की एक भी बैठक नहीं ली है। शिवराज कैबिनेट में जब जबलपुर से एक भी मंत्री नहीं है तो कांग्रेस यहां जिला योजना समिति की भी बैठक ना होने पर सरकार को घेर रही है। कांग्रेस के विधायकों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार की मंशा पर ही सवाल उठा दिए हैं।

प्रभारी मंत्री को नहीं है समय: विनय सक्सेना
जिला योजना समिति की एक भी बैठक आयोजित न होने पर कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने कहा कि ऐसा नहीं है कि जबलपुर के प्रभारी मंत्री 3 सालों से जबलपुर न आए हों, गिने चुने मौकों पर प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव जबलपुर आते रहे हैं। लेकिन जिला योजना समिति की बैठक उन्होने नहीं ली। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा प्रतीत होता है कि बैठक के लिए प्रभारी मंत्री जी के पास समय ही नहीं है। इस कारण बैठक आयोजित नहीं हो पा रही है।

जल्द होगी बैठक: प्रभारी मंत्री
इस बारे में प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि इस बार पंचायतों और नगरीय निकायों के चुनाव में देर होने से जिला योजना समिति में उनके सदस्यों के चुनाव में भी देर हो गई। चुनावों के कारण समिति के गठन में समय लगा। निर्वाचन के बाद जिला योजना समिति का गठन किया गया है। जल्द ही जिला योजना समिति की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें ज्वलंत मुद्दों को उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि चुनावी साल में कांग्रेस इसे मुद्दा बना रही है।

Leave a Comment