भारत बन रहा निवेश की पहली पसंद, दिवालिया कानून जैसे बदलावों का दिख रहा असर

नई दिल्ली। विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भारत को एक आकर्षक निवेश ठिकाना बताया है। अधिकारी ने कहा कि दिवालियापन कानून और कराधान संहिता जैसे नीतिगत बदलाओं और डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर से तैयार सक्षम वातारण से भारत (India) वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र (financial technology sector) के लिए एक बहुत ही बढ़िया निवेश (investment) स्थान बन गया है।

डब्ल्यूईएफ में वित्तीय और मौद्रिक प्रणाली केंद्र के प्रमुख मैथ्यू ब्लैक ने कहा, भारत दुनिया में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले बाजारों में से एक रहा है और निवेशकों ने यहां पैसा बनाया है। वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र उन कंपनियों से बना है जो वित्तीय सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करती हैं। हालांकि, ब्लैक ने यह भी कहा कि चूंकि बाजार पूरी तरह से एक सीध में नहीं चलते हैं और उतार चढ़ाव की संभावना होती है, इसलिए निवेशकों को शिक्षित करने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा, इसलिए एक जानकार निवेशक, एक विविध निवेशक होने और ऐसा करने के लिए शैक्षिक संसाधनों तक पहुंच रखने का विचार वास्तव में मौलिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) है।

भारत छोटे, महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष देशों के लिए प्रकाशस्तंभ
डब्ल्यूईएफ के मंच सेंटर फॉर फोर्थ इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन (सी4आईआर) की कार्यसमिति के सदस्य सेबस्टियन बकुप ने कहा कि भारत में अंतरिक्ष को लेकर उत्साह दुनियाभर से प्रतिभाओं को आकर्षित कर रहा है और उन्हें व्यवसाय शुरू करने और क्षेत्र के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित कर रहा है। सी4आईआर ने पिछले सप्ताह भारत में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी कार्यक्रम शुरू किया। इसका मकसद अंतरिक्ष में रुचि रखने वाले विभिन्न देशों के बीच वैश्विक सहयोग बनाया जा सके, क्योंकि भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ रही है। उन्होंने कहा, अंतरिक्ष के क्षेत्र में कुछ करने की इच्छा रखने वाले छोटे और महत्वाकांक्षी देशों के लिए भारत को एक आदर्श, एक प्रकाशस्तंभ के रूप में देखा जाता है। ये देश भारत की सहायता भी चाहते हैं। इस क्षेत्र में डब्ल्यूईएफ दोनों पक्षों के बीच एक कड़ी का काम करना चाहता है।

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