Interim Budget 2024: आयकर में राहत की उम्मीद, बढ़ सकती है स्टैंडर्ड डिडक्शन की राशि

नई दिल्ली (New Delhi)। सरकार (Government) एक फरवरी, 2024 को आगामी वित्त वर्ष (financial year ) के लिए अंतरिम बजट (Interim Budget) पेश करेगी। बजट में खासकर नौकरीपेशा लोगों (Employed people.) की नजर मुख्य रूप से आयकर के मोर्चे पर होने वाली घोषणाओं और राहत (Expectations relief expected on income tax) पर होती है। अर्थशास्त्रियों की राय इस पर अलग-अलग है।

कुछ का कहना है कि सरकार आम चुनावों से पहले पेश होने वाले अंतरिम बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन की राशि (increasing amount of standard deduction) बढ़ाकर आयकरदाताओं को राहत (Relief to income taxpayers) देने के साथ महिलाओं के लिए अलग से कुछ कर छूट दे सकती है। हालांकि, कुछ यह भी मानते हैं कि यह अंतरिम बजट है। ऐसे में आयकर मामले में बदलाव की उम्मीद नहीं है। वित्त मंत्री सीतारमण लोकसभा में एक फरवरी को 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करेंगी। यह उनका छठा बजट है।

नौकरीपेशा-मध्य वर्ग को उम्मीद
सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टडीज के चेयरमैन सुदिप्तो मंडल ने कहा, अंतरिम बजट में नौकरीपेशा और मध्य वर्ग को आयकर मोर्चे पर कुछ राहत मिल सकती है। स्टैंडर्ड डिडक्शन की राशि बढ़ाकर कुछ राहत दिए जाने की उम्मीद है। लेकिन, यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि गरीब और निम्न मध्य वर्ग आयकर नहीं देता है। फिलहाल स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत 50,000 रुपये की छूट है।

कई अन्य चीजों पर निर्भर करेगी राहत
करदाताओं को राहत से जुड़े सवाल के जवाब में लखनऊ स्थित गिरि विकास अध्ययन संस्थान के निदेशक प्रमोद कुमार ने कहा, इसके बारे में कुछ कहना मुश्किल है। यह आर्थिक कारकों के अलावा कई अन्य चीजों पर भी निर्भर करता है। हालांकि, इस तथ्य को देखते हुए कि यह आम चुनाव से पहले अंतरिम बजट पेश किया जा रहा है, करदाताओं के वोट को आकर्षित करने के लिए कुछ रियायतें दी जा सकती हैं।

महिलाओं के लिए अलग से छूट संभव
आर्थिक शोध संस्थान नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी में प्रोफेसर लेखा चक्रवर्ती ने कहा, महिला मतदाताओं पर जोर को देखते हुए आयकर कानून की धारा 88सी के तहत महिलाओं के लिए कुछ अलग से कर छूट मिल सकती है। आयकरदाता भारतीय आबादी का एक छोटा हिस्सा हैं, ऐसे में महिलाओं और पुरुषों के लिए कर राहत से जुड़ी घोषणाओं का कम ही प्रभाव पड़ता है।

ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं
बंगलूरू के डॉ. बीआर आंबेडकर स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स यूनिवर्सिटी के कुलपति एनआर भानुमूर्ति ने कहा, यह अंतरिम बजट होगा। ऐसे में कर व्यवस्था में ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं है क्योंकि इसका मकसद पूरे साल का बजट पेश होने तक सिर्फ खर्च बजट पर मंजूरी लेने का होता है। वैसे भी कर व्यवस्था और संरचना में बार-बार बदलाव से अनुपालन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

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