जम्मू-कश्मीर: नए साल पर आजादी के बाद पहली बार घर-घर पहुंचीं पानी-आवास जैसी बुनियादी सुविधाएं, लोगों ने सरकार का यूं किया शुक्रिया

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए नया साल इस बार काफी बेहतरीन रहा है. उन्हें नया साल सेलिब्रेट करने का एक मौका मिला है, क्योंकि आजादी के बाद पहली बार यहां रहने वाले गरीब परिवारों के घरों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंची हैं. जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले गरीब लोगों को पंचायती राज व्यवस्था के तहत विभिन्न सरकारी योजनाओं का फायदा मिला है.

मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना और जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं ने पाकिस्तान से सटे सीमावर्ती इलाके में रहने वाले लोगों को बड़ी राहत दी है. लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का घर मिला है, जिसकी वजह से गरीब परिवारों को अब सुरक्षित तरह से रहने का मौका मिल रहा है. राजौरी जिले के सुदूर स्थित गांवों तक सड़क और बिजली पहुंचने की वजह से लोगों को न सिर्फ शिक्षा का बेहतर अवसर मिला है, बल्कि रोजगार के मौके भी मिल रहे हैं.

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सीमावर्ती इलाके में रहने वाले एक निवासी ने बताया, ‘हमें पक्का घर मिला है. पहले बारिश का पानी हमारे घरों में घुस आता था. पानी की सप्लाई करने वाली टंकियां और सड़कें अब हमारे इलाके में भी बन चुके हैं.’ राजौरी हेडक्वाटर्स से 40 किलोमीटर दूर मौजूद कालाकोट में बड़े पैमाने पर विकास हुआ है. इस सुदूर इलाके में बुनियादी सुविधाओं में काफी सुधार देखने को मिला है.

शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मैरिज हॉल और नगरपालिका परिषद कालाकोट कार्यालय भवन के निर्माण ने इस क्षेत्र के लोगों के जीवन को समृद्ध किया है. इलाके में लोगों के लिए स्ट्रीट लाइट वाले पक्के फुटपाथ बनाए गए हैं. पार्क और ड्रेनेज सिस्टम तैयार होने की वजह से स्थानीय लोगों के जीवन में काफी बदलाव आया है. कालाकोट में नया बस स्टैंड बनकर तैयार हो गया है.

यहां रहने वाले एक निवासी ने कहा, ‘हम सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना और जल जीवन मिशन योजनाओं के शुक्रगुजार हैं. ये योजनाएं सुदूर इलाकों में अच्छा काम कर रही हैं. हमें अधिकारियों से अच्छी प्रतिक्रिया भी मिल रही है. केंद्र सरकार ने पंचायत का सफल संचालन कर हमें काबिल बनाया है.’

एक अन्य निवासी ने कहा, ‘प्रशासनिक अधिकारी अच्छा काम कर रहे हैं. पंचायत अपनी शक्तियों का कुशलतापूर्वक इस्तेमाल कर रही है. हमें आवास योजना के तहत पक्के मकान मिले हैं. ऐसी योजनाएं शुरू की गई हैं जिनसे स्थानीय महिलाओं को फायदा पहुंचा है. वे सब्जियां बेच सकती हैं और मुर्गी पालन का काम कर सकती हैं.’

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