मुख्यमंत्री के आदेश के बाद उज्जैन सहित पूरे प्रदेश में पुलिस ने अभी तक निकाले 27 हजार लाउडस्पीकर

  • पुलिसकर्मी अपने मोबाइल पर ध्वनि की तीव्रता मापने वाले एप इंस्टाल कर करें जाँच

उज्जैन। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 13 दिसंबर को शपथ लेने के बाद पहला आदेश निर्धारित मापदंड से अधिक ध्वनि करने वाले विस्तारक यंत्रों के विरुद्ध कार्रवाई का दिया था। अभी तक पुलिस कर्मियों ने उज्जैन सहित पूरे प्रदेश में 27 हजार से अधिक लाउडस्पीकरों को उतरवाया है।


पुलिस ने बीते 18 दिनों में उज्जैन सहित पूरे प्रदेश में तेज आवाज से बजने वाले 27 हजार से अधिक लाउडस्पीकर हटवा दिए हैं। पुलिस को यह पता नहीं है कि हटाए गए ध्वनि विस्तारक यंत्रों के आवाज की तीव्रता मापदंडों से अधिक थी या नहीं लेकिन आपसी सहमति से प्रदेश भर में सारी कार्रवाई हुई, जिससे कहीं भी विवाद की स्थिति नहीं बनी। इस काम में लगे पुलिसकर्मी अपने मोबाइल पर ध्वनि की तीव्रता मापने वाले एप इंस्टाल कर इसे माप रहे हैं। कार्रवाई के लिए बनने वाले उडऩदस्ते में प्रदूषण नियंत्रण मंडल के वैज्ञानिकों को भी रहना था पर कर्मचारियों की संख्या कम होने के कारण वह पुलिस-प्रशासन के साथ नहीं जा रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों ने बताया कि आवाज की तीव्रता नापने वाला नोइज मीटर लगभग ढाई लाख रुपये में आता है। प्रदेश में इसकी संख्या सीमित ही है। मुख्यमंत्री के निर्देश के पहले मंडल अधिकतर शिकायतों पर ही कार्रवाई कर रहा था। इनमें नोइज मीटर से ही ध्वनि प्रदूषण की जाँच कर कार्रवाई की जाती है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अनुसार ध्वनि प्रदूषण की सीमा (डेसिबल में) क्षेत्र दिन में, रात में औद्योगिक क्षेत्र 7570, व्यावसायिक क्षेत्र 6555, रहवासी क्षेत्र 5545, शांत जोन 5040 मानी गई है।

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