नई दिल्ली (New Delhi) । राजधानी दिल्ली (Delhi) में दो दिनों के जी20 सम्मेलन (G20 Summit) के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। दूसरी तरफ खालिस्तान समर्थक (Khalistan supporters) अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। विदेश में बैठे खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नून (Gurpatwant Singh Pannun) ने ऑडियो संदेश जारी कर कश्मीरी मुसलमानों (Kashmiri Muslims) को भड़काने की कोशिश की है। उसने अपने संदेश में कहा कि कश्मीर के मुसलमान दिल्ली की तरफ कूच करें और वहां जी20 सम्मेलन में व्यवधान पैदा करें। बता दें कि दिल्ली में 9 और 10 नवंबर को जी20 सम्मेलन होने जा रहा है जिसमें करीब 25 राष्ट्राध्यक्ष हिस्सा लेने वाले हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी सम्मेलन में शिरकत करने दिल्ली पहुंच रहे हैं।
पन्नून ने अपने भड़काऊ संदेश में कहा कि लोग प्रगति मैदान की ओर रैली निकालें। इसके अलावा उसने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर खालिस्तानी झंडा लहराने की भी धमकी दी है। बता दें कि कुछ दिन ही पहले दिल्ली के कई मेट्रो स्टेशन की दीवारों पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखे गए थे। पुलिस ने इस मामले में सिख फॉर जस्टिस से जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार किया था। अधिकारियों का कहना है कि गुरपतवंत सिंह पन्नून के ही इशारे पर ही ये नारे लिखे गए थे।
मेट्रो स्टेशन की दीवारों पर काले रंग से ‘दिल्ली बनेगा खालिस्तान’ और ‘खालिस्तान रेफरेंडम जिंदाबाद’ जैसे नारे लिखे पाए गए थे। इनमें पंजाबी बाग, शिवाजी पार्क, मादीपुर, पश्चिम विहार, उद्योग नगर, महाराजा सूरजमल स्टेडियम और नागलोई मेट्रो स्टेशन शामिल थे। ये सभी पश्चिमी दिल्ली के मेट्रो स्टेशन हैं। अधिकारियों का कहना है कि पन्नून का यह संदेश आईएसआई और के-2 अजेंडा को लेकर है।
दिल्ली की किलेबंदी, परिंदा भी नहीं मार सकता पर
इस तरह के भड़काऊ संदेश जारी करने वाले खालिस्तानियों को शायद दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था का अंदाजा नहीं है। बता दें कि इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग नहीं पहुंच रहे हैं। हालांकि उनके प्रतिनिधियों के आने की जानकारी है। इसके अलावा दुनियाभर के बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्ष दिल्ली के प्रगति मैदान में जमा होने वाले हैं। यहां भारत मंडपम में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। दिल्ली में एक लाख 30 हजार जवानों को तैनात किया गया है। इसके अलावा सुरक्षा के लिए आर्टिफिशियल इँटेलिजेंस का भी सहारा लिया जा रहा है।
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