नौकरी के बदले जमीन घोटाले में मुश्किल में लालू परिवार, CBI ने दाखिल की चार्जशीट

नई दिल्ली: नौकरी के बदले जमीन घोटाले (land scam for job) में लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इस मामले में राजद प्रमुख और पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav), बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Bihar Deputy CM Tejashwi Yadav) और पूर्व सीएम राबड़ी देवी (Former CM Rabri Devi) पहले से ही जांच का सामना कर रहे हैं. अब CBI ने तीनों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है.

जानकारी के मुताबिक, सीबीआई ने बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, लालू यादव और राबड़ी देवी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. नौकरी के बदले जमीन घोटाले में आरोप पत्र दाखिल किया है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई की ओर चार्जशीट दायर की गई है. हालांकि सीबीआई की ओर से दायर किए गए इस आरोपपत्र पर सुनवाई की अभी कोई तारीख नहीं दी गई है. लेकिन, ये मामला पहले से ही 12 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है.

बिहार में ये घोटाला 14 साल पहले का है. समीकरण कुछ ऐसे थे कि केंद्र में यूपीए की सरकार थी और लालू यादव रेल मंत्री थे. इस मामले में 18 मई 2022 को सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्सटीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब जमीन का सौदा हो गया तो इन्हें रेगुलर कर दिया गया. सीबीआई की जांच में ये भी सामने आया कि रेलवे में सब्सटीट्यूट की भर्ती का कोई विज्ञापन या पब्लिक नोटिस भी जारी नहीं किया गया था, लेकिन जिन परिवारों ने लालू परिवार को अपनी जमीन दी, उनके सदस्यों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नियुक्त कर दिया गया था.

सीबीआई ने इस मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा यादव और हेमा यादव समेत कुछ उम्मीदवारों को आरोपी बनाया है. सीबीआई का आरोप है कि लालू प्रसाद यादव जब रेल मंत्री थे, तब उन्होंने ग्रुप डी में सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती के बदले जमीनें लीं. ये जमीनें लालू यादव ने अपने परिजनों के नाम कराईं. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि लालू यादव जब रेल मंत्री थे, तो उन्होंने जमीन के बदले सात अयोग्य उम्मीदवारों को रेलवे में नौकरी दी. ED के मुताबिक, कुछ उम्मीदवारों के आवेदन को अप्रूव करने में जल्दबाजी दिखाई गई. कुछ आवेदनों को तीन दिनों में ही अप्रूव कर दिया गया. पश्चिम मध्य रेलवे और पश्चिम रेलवे ने उम्मीदवारों के आवेदनों को बिना पूरे पते के भी अप्रूव कर दिया और नियुक्त कर दिया.

CBI ने इस मामले में पिछले साल 18 मई 2022 को केस दर्ज किया था. जुलाई में CBI ने भोला यादव को गिरफ्तार किया था जो कि उस समय लालू यादव के रेलमंत्री रहते हुए उनके ओएसडी थे. पिछले साल ही 10 अक्टूबर 2022 को ही सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें 16 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इस साल 27 फरवरी 2023 को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू फैमिली समेत 14 आरोपियों को समन जारी किया थी. सभी आरोपियों को 15 मार्च को अदालत में पेश होने को कहा गया था.

15 मार्च को लालू परिवार समेत सभी आरोपियों को अदालत ने पूछताछ के लिए बुलाया था, अदालत ने आरोपियों को 50 हजार के मुचलके पर जमानत दी थी. वहीं सीबीआई इस मामले में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी पूछताछ के लिए बुला चुकी है, जिसमें तीनों बार तेजस्वी शामिल हुए थे.

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