मणिपुर हिंसा मामले में लालू प्रसाद यादव ने कहा, PM मोदी दोषी हैं

पटना (Patna)। मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न करके घुमाने के मामले (Cases of two women being paraded naked in Manipur) में सियायत तेज हो गई। पूरा विपक्ष भाजपा (BJP) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर निशाना साध रहा है। विपक्ष के कई नेता तो इस्तीफा की मांग तक कर चुके हैं। इस मामले की निंदा की है। वहीं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने भी इस मामले में केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है। इसी क्रम में बिहार के मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने पीएम मोदी पर हमला किया है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री दोषी है और वो सामना नहीं कर सकते। लालू प्रसाद यादव ने को कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोषी हैं, यही कारण है कि उन्होंने अभी तक मणिपुर को लेकर संसद में चर्चा शुरू नहीं की।


दरअसल, उनसे संसद में मणिपुर पर प्रधानमंत्री के बयान की विपक्ष की मांग और उसकी वजह से लोकसभा और राज्यसभा में होने वाले व्यवधान के बारे में पूछा गया था। वहीं, आरजेडी प्रमुख से प्रधानमंत्री पर उनके पिछले तंज के बारे में भी पूछा गया, जहां उन्होंने कहा था कि 2024 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद मोदी विदेश में बस जाएंगे. इसके जवाब में उन्होंने कहा, “वो बाहर अपनी जगह ढूंढ़ रहे हैं. उन्हें मार्कोस (फर्डिनेंस मार्कोस) की तरह भागना होगा. उन्होंने बहुत पाप किए हैं।

इससे पहले रविवार को लालू प्रसाद ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में हार को लेकर चिंतित हैं और विदेश में ठिकाना तलाश रहे हैं। बीते रविवार को लालू प्रसाद यादव से पूछा गया था कि पीएम मोदी ने विपक्षी महागठबंधन इंडिया (I.N.D.I.A) पर भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है. इस पर उन्होंने कहा, “ये मोदी हैं जो अपना पद छोड़ने की योजना बना रहे हैं. यही कारण है कि वो सभी देशों का दौरा कर रहे हैं. वो ऐसी जगह ढूंढ़ रहे हैं जहां वो आराम से रह सकें और पिज्जा, मोमोज और चाउमीन का लुत्फ उठा सकें।

विपक्ष 20 जुलाई को संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से ही मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री के बयान पर जोर दे रहा है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और अमित शाह ने विपक्ष से मणिपुर में हिंसा पर चर्चा में हिस्सा लेने का आग्रह किया है, हालांकि, विपक्ष पहले संसद के दोनों सदनों में प्रधानमंत्री के बयान की मांग पर कायम है।

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