कम मतदान, भाजपा परेशान, हर बूथ पर वोट बढ़ाने का भाजपा का दांव फेल

मतदान बढ़ाने में जुटी भाजपा मतदाताओं के रुख से निराश

नई दिल्ली। मेरा बूथ (booth) सबसे मजबूत…. और हर बूथ पर 300 से 400 नए मतदाताओं (voters) को जोडऩे का भाजपा (BJP) का प्रयास पहले चरण में पूरी तरह विफल (failed) रहा है। पहले चरण में लोकसभा (Lok Sabha) की 102 सीटों पर हुए कम मतदान से भाजपा बुरी तरह चिंतित है। विशेषकर उत्तरप्रदेश (UP), बिहार (Bihar), मध्यप्रदेश (MP), छत्तीसगढ़ (CG) जैसे हिन्दी बेल्ट में हुए कम मतदान से भाजपा सहित विभिन्न राजनीतिक दल नए सिरे से मंथन कर रहे हैं।

भाजपा ने इस बार चुनाव में अत्यधिक मतदान कराने की रणनीति बनाई थी। पार्टी को उम्मीद थी कि नए मतदाता का रुझान भाजपा के पक्ष में जाएगा और बढ़े हुए वोटों से भाजपा को प्रचंड जीत मिलेगी, लेकिन इस बार मतदान पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले लगभग 6 फीसदी कम रहा, जिसको लेकर भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। माना जा रहा है कि भाजपा कम मतदान को अंदरुनी तौर पर अच्छा नहीं मान रही है। पार्टी ने सभी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि अगले 6 चरणों में होने वाले चुनाव में अधिक से अधिक मतदाताओं को बूथ पर लाएं और वोट प्रतिशत बढ़ाएं। भाजपा ने इसके लिए प्रचार में भी आक्रामक रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। भाजपा की चिंता उन हिन्दी बेल्ट राज्यों में जहां पर पिछली बार पार्टी को प्रचंड जीत मिली थी। इनमें बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ शामिल है।

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