कम मतदान से भाजपा चिंतित-विधायक मैदान में उतरेंगे

  • एक मई से उज्जैन संसदीय क्षेत्र की सभी 6 विधानसभा सीटों पर जाकर लोगों से मिलेंगे भाजपाई

उज्जैन। आखिरकार भाजपा ने अपने बी प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है। प्रदेश में पहले और दूसरे चरण को देखकर अब भाजपा तीसरे तथा चौथे चरण में किसी प्रकार का जोखिम लेना नहीं चाहती है। भाजपा ने अपने सभी विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र में लगातार दौरे कर जनसंपर्क करने का पैगाम भेजा है।


गौरतलब है कि भाजपा ने देश में इस बार 400 पार का नारा दिया है, वहीं उज्जैन जैसी सीट पर 5 लाख से ज्यादा वोटों से जिताने का लक्ष्य लेकर चल रहे भाजपा के प्रदेश संगठन ने कम मतदान पर चिंता जाहिर की है और मंत्रियों के प्रभार वाले क्लस्टर तथा लोकसभा क्षेत्रों में अब मतदान का प्रतिशत बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इसी को लेकर अब विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र में जाकर जनसंपर्क करने को कहा गया है। 1 मई से शुरू होने वाले जनसंपर्क में जिस तरह से विधायक ने अपना चुनाव लड़ा था, उसी तरह उन्हें अपने क्षेत्र में जाकर लोगों से मिलना है और उनसे बात करना है। जिस बूथ या क्षेत्र में भाजपा को वोट कम मिलते हैं, वहां उसके कारण पता करके उसका हल भी विधायक और मंत्री को करना होगा। सूत्रों का कहना है कि ये निर्देश पहले ही विधायकों को दिए गए थे, लेकिन किसी ने भी इसमें रुचि नहीं दिखाई और जब चुनावी रणनीतिकार अमित शाह भोपाल आए तो उन्होंने संगठन को आड़े हाथों लिया और जो-जो निर्देश केंद्रीय संगठन द्वारा दिए गए थे, उनका पालन करवाने को कहा गया है। जो फीडबैक अभी तक 12 सीटों से गया है, उसमें कम मतदान को लेकर ही भाजपा को चिंता है। पिछले दिनों से चल रही शादियों का बहाना बनाकर विधायकों ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में जनसंपर्क नहीं किया। सभी का कहना था कि शादियों के कारण लोग अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं।

आरएसएस ने भी लिया फीडबैक
पार्टी तथा संगठन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि दो दिन पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों ने भी चुनाव में मतदान को लेकर बैठक ली थी। इस बैठक में अधिकांश विधायक शामिल हुए थे। संघ के पदाधिकारियों ने दो-टूक कह दिया कि अब किसी प्रकार की बहानेबाजी नहीं चलेगी। कहा तो यह जा रहा है कि कुछ विधायकों को खड़ा कर पूछा गया कि उन्होंने अब तक कहां-कहां प्रवास किया और उसका क्या फीडबैक आया। अधिकांश विधायक बगलें झांकते रहे, क्योंकि वे सांसद प्रत्याशी के जनसंपर्क के अलावा क्षेत्र में नहीं गए।

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