बजट में कुछ सेक्टर्स को बहुत फायदा, तो किसी के हिस्‍से में कुछ नहीं, जानिए पूरा हिसाब-किताब

नई दिल्‍ली (New Delhi) । चुनाव में जाने से पहले मोदी सरकार (Modi government) ने अपने मौजूदा कार्यकाल का आखिरी बजट (Budget) पेश कर दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) का बजट भाषण हर तरह की बड़ी घोषणाओं, लोक लुभावने वादों से दूर रहा है. मध्यम वर्ग के लिए एक अफॉर्डेबल हाउसिंग स्कीम के सिवाय कोई बड़ी घोषणा बजट में नहीं दिखती है, जो कहीं ना कहीं नरेंद्र मोदी सरकार के आत्मविश्वास को भी दिखाता है. फिर भी इस बजट में कुछ सेक्टर्स को बहुत फायदा मिला है, जबकि कुछ के हिस्से कुछ नहीं आया है. आखिर क्या है बजट का पूरा हिसाब-किताब? चलिए समझते हैं…

सबसे पहले ये बात समझनी जरूरी है कि ये सरकार का अंतरिम बजट था, यानी सरकार ने सिर्फ अगले कुछ महीनों का अपना खर्च चलाने के लिए इस बजट को पेश किया है. चुनाव के बाद नई सरकार जुलाई में पूर्ण बजट दोबारा लेकर आएगी और तभी देश का आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश किया जाएगा. इसलिए बजट में टैक्स से जुड़े बदलाव नहीं किए गए हैं, हालांकि 2019 के अंतरिम बजट को देखते हुए आम आदमी को इससे काफी उम्मीदें थीं. लेकिन वो साल दूसरा था, ये साल दूसरा है.

बजट में किन सेक्टर्स ने मारी बाजी?
अपने बजट भाषण की शुरुआत में ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कर दिया था कि सरकार का लक्ष्य युवा, गरीब, महिला और किसान के उत्थान का है. यह बातें उनके बजट में भी साफ दिखीं.

कृषि : सरकार देश में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दे रही है. वहीं किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य भी उसने रखा है. ऐसे में सरकार एग्रीकल्चर सेक्टर में अपना निवेश बढ़ाने जा रही है. सरकार का कहना है कि वह 2024-25 में कृषि, कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग और उनकी मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग फोकस करेगी. हालांकि कृषि मंत्रालय के बजट को मामूली तौर पर ही बढ़ाया गया है. सरकार ने कृषि मंत्रालय के लिए 1.27 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए हैं. जबकि सरकार की महत्वकांक्षी योजना पीएम-किसान का बजट पहले जितना ही 60,000 करोड़ रुपए रखा गया है.

महिला: महिलाओं के लिए बजट में सबसे बड़ा ऐलान ‘लखपति दीदी योजना’ के विस्तार को लेकर की गई है. इस योजना का फायदा 1 करोड़ महिलाओं को हो चुका है, जबकि पहले इसका लक्ष्य 2 करोड़ महिलाओं तक पहुंचना था, जिसे अब बढ़ाकर 3 करोड़ कर दिया गया है. हालांकि महिला और बाल विकास मंत्रालय के बजट में भी सरकार ने मामूली बढ़ोतरी की है. पिछले बजट में मंत्रालय को 25,448.75 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, जिसे 2024-25 के बजट में 26,092.19 करोड़ रुपए किया गया है.

डिफेंस : सरकार का डिफेंस बजट इस साल 4.72 प्रतिशत बढ़ा है. रक्षा मंत्रालय के लिए 2024-25 में 6.21 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है. इसमें डिफेंस कर्मियों की पेंशन के लिए 1.41 लाख करोड़ रुपए शामिल हैं. सरकार सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने पर जोर देगी. डिफेंस सेक्टर में इस तरह के कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए सरकार ने 1.72 लाख करोड़ रुपए रखे हैं.

इंफ्रास्ट्रक्चर: मोदी सरकार ने अपने कैपिटल एक्सपेंडिचर, खासकर इंफ्रास्ट्रक्चर के डेवलपमेंट के ओवरऑल बजट में 11.1 प्रतिशत का इजाफा किया है. सरकार ने 2024-25 के लिए कैपेक्स बजट 11,11,111 करोड़ रुपए रखा है. रेलवे सेक्टर में नई लाइनों के निर्माण के लिए बजट में 36,091.21 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जो पिछले बजट में 31,850 करोड़ रुपए थे. इसी तरह नए डिब्बों के निर्माण के लिए सरकार ने 53,08.09 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. हालांकि इलेक्ट्रिफिकेशन के बजट को 8,070 करोड़ रुपए से घटाकर 6,500 करोड़ रुपए कर दिया गया है.

जबकि ट्रांसपोर्ट सेक्टर पर सरकार ने टोटल 5,44,039 करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है. ये 2023-24 के बजट में 5,17,034 करोड रुपए था. अगर सिर्फ रोड ट्रांसपोर्ट और परिवहन मंत्रालय के बजट को देखा जाए तो 2024-25 के लिए सरकार ने 2.78 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए हैं, जो पिछले साल के बजट में 2.70 लाख करोड़ रुपए था.

जिन जगहों पर सरकार घटाया अपना खर्च?
हालांकि सरकार ने अपना खर्च कंट्रोल में रखने के लिए कई खर्चों में कटौती भी की है. इसमें सब्सिडी के बिल पर की जाने वाली कटौती सबसे बड़ी है.

फूड सब्सिडी : भारत सरकार 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देती है. इसके बावजूद 2024-25 के लिए फूड सब्सिडी के बिल को घटाकर 2,05,250 करोड़ रुपए कर दिया गया है, जबकि 2023-24 के संशोधित अनुमान के हिसाब से चालू वित्त वर्ष में सरकार इस पर 2,12,332 करोड़ रुपए खर्च कर देगी.

फर्टिलाइजर सब्सिडी : इसी तरह सरकार ने बजट में नैनो डीएपी को प्रमोट करने का ऐलान किया है. संभवतया इसी वजह से फर्टिलाइजर सब्सिडी को घटाया गया है. 2024-25 में फर्टिलाइजर सब्सिडी 1,64,000 करोड़ रुपए रखी गई. ये 2023-24 के बजट अनुमान 1,75,100 करोड़ रुपए और रिवाइज्ड एस्टिमेंट 1,88,894 करोड़ रुपए दोनों से ही कम है.

पेट्रोलियम सब्सिडी : हाल में संपन्न राज्य विधानसभाओं के चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार ने रसोई गैस पर भारी सब्सिडी का ऐलान किया था. इसके बावजूद 2024-25 के लिए बजट में पेट्रोलियम सब्सिडी को घटाकर 11,925 करोड़ रुपए किया गया है. जबकि 2023-24 के संशोधित बजट अनुमान के मुताबिक 31 मार्च 2023 तक सरकार इस मद में 12,240 करोड़ रुपए खर्च कर देगी. हालांकि सरकार ने जब पिछले साल बजट पेश किया था, तब रसोई गैस पर सब्सिडी देने की योजना नहीं थी, इसलिए बजट में पेट्रोलियम सब्सिडी के लिए सिर्फ 2,257 करोड़ रुपए ही रखे गए थे.

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