कार इंश्योरेंस में इन 5 चीजें को जरूर करें एड, वरना बारिश का मौसम जेब कर देगा खाली

नई दिल्‍ली (New Delhi) । देशभर में जहां सर्दी (winter) का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। तो दूसरी तरफ, बारिश (Rain) भी आफत बनकर टूट पड़ी है। खासकर तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई और उसके पड़ोसी जिलों में चक्रवाती तूफान माइचौंग का प्रभाव देखने को मिल रहा है। इस भयकंर बारिश से जहां अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है। तो दूसरी तरफ, बारिश के चलते कारों की हालत भी खराब हो रही है। ऐसे में कारों की सेफ्टी (safety of cars) के लिए इंश्योरेंस (insurance) बहुत जरूरी हो जाता है। हालांकि, बारिश से होने वाला डैमेज इंश्योरेंस में भी कवर नहीं होता। इसके लिए आपको इंश्योरेंस में एड-ऑन कवरेज शामिल करना होता है।

दरअसल, इस तरह के मौसम या पानी से डैमेज होने पर कई बार कार का इश्योरेंस क्लैम भी नहीं होता। खासकर आप ड्राइव कर रहे हैं और कार के इंजन या दूसरे पार्ट में पानी जाने से डैमेज हो जाए। बीमा कंपनियां इस तरह से कार या इंजन के डैमेज होने पर क्लैम नहीं देतीं। वे इसमें कार के इंजन, गियरबॉक्स, टायर जैसी चीजों को काउंट नहीं करतीं। ऐसी स्थिति में आपकी जेब से लाखों रुपए खर्च हो सकते हैं। ऐसे में आपकी कार का ऐसा बीमा होना चाहिए जो सभी तरह की परिस्थित में डैमेज कंट्रोल को पूरा कर दे। इश्योरेंस से जुड़ी ऐसी ही बारीकियां इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट बता रहे हैं।

राघनल इंश्योरेंस ब्रोकिंग एंड रिस्क मैनेजमेंट में डायरेक्टर और चीफ ऑफिसर अमित गोयल ने बताया कि इंश्योरेंस पॉलिसी इंजन या गियरबॉक्स या टायर या अपहोस्ट्री के नुकसान को कवर नहीं करती है। जबकि काम्प्रिहेन्सिव इश्योरेंस प्राकृतिक आपदाओं, चोरी, दुर्घटनाओं और थर्ड पार्टी की देनदारियों के कारण नुकसान को कवर करता है। मानसून से होने वाले सभी नुकसान को नॉर्मल इंश्योरेंस में कवर नहीं किया जा सकता है। इसके लिए कुछ एड-ऑन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

मानसून डैमेज कवर करने कार इंश्योरेंस में एड-ऑन कवर शामिल होने चाहिए
मानसून के मौसम के दौरान कुछ जरूरी एड-ऑन कवर इंश्योरेंस में शामिल होने चाहिए। इसमें इंजन प्रोटेक्शन कवर, जीरो डेप्रिसिएशन कवर, 24×7 रोडसाइड असिस्टेंस, कंज्यूमेबल कवर और रिटर्न टू इनवॉइस शामिल होते हैं। यदि आप एड-ऑन कवर खरीद रहे हैं तब आपका यह जानना जरूरी है कि उनकी कीमत कितनी है। आप इसमें कितनी बचत कर सकते हैं।

1. इंजन प्रोटेक्शन कवर
ये इंजन को पानी से होने वाले डैमेज से बचाते हैं। इसमें इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि आपकी कार रुकी हुई है तो उसे जबरदस्ती स्टार्ट न करें। अगर आप ऐसा करते हैं और इंजन में पानी चला जाता है तो इसे लापरवाही माना जाएगा। आप रेगुलर टूट-फूट और अपनी ओर से लापरवाही के कारण नुकसान के लिए दावा नहीं कर सकते। यह उन क्षेत्रों में रहने वालों के लिए उपयोगी हो सकता है जहां मानसून के दौरान लगातार जलभराव से इंजन के खराब होने की संभावना बढ़ जाती है।

पॉलिसीबाजार.कॉम (Policybazaar.com) में मोटर इंश्योरेंस हेड नितिन कुमार ने बताया कि जीरो-डेप्रिसिएशन एड-ऑन व्हीकल के सभी कम्पोनेंट की पूरी तरह से सुरक्षा करता है। जबकि टायर, ट्यूब और बैटरी के लिए 50 प्रतिशत कवरेज देता है। कुमार ने बताया कि इंजन में यदि नुकसान होता है तो इसको सही कराने का खर्च लागों में पहुंच सकता है, क्योंकि इंजन गाड़ी का सबसे जरूरी और महंगा पार्ट होता है। इसे इस तरह समझा जा सकता है कि यदि आपकी गाड़ी की कीमत 5 लाख रुपए है और इसके इंजन में खराबी आ जाती है, तब इसमें 50 हजार से लेकर 2 लाख रुपए तक खर्चा आ सकता है।

अमित गोयल ने बताया कि इंजन प्रोटेक्शन कवर की लागत 1,500 से 3,000 रुपए प्रति वर्ष होती है। यह आमतौर पर ओन डैमेज (OD) बीमा के प्रीमियम में 5% से 10% अतिरिक्त जोड़ा जाता है। बाढ़ की वजह से इंजन, इलेक्ट्रिकल सिस्टम और कार के अंदर कई हिस्सों में बड़ा नुकसान पहुंच सकता है। इसी स्थिति को ध्यान रखते हुए इंजन प्रोटेक्शन कवर जरूरी हो जाता है।

2. जीरो डेप्रिसिएशन कवर
आमतौर पर मोटर इंश्योरेंस क्लेम के मामले में बीमाकर्ता डेप्रिसिएशन घटाकर कम्पोनेंट को बदलने के लिए पेमेंट करता है, जिसका पेमेंट बीमा होने के बावजूद आपको अपनी जेब से करना होगा। अगर आपकी कार के कम्पोनेंट दुर्घटना में डैमेज हो जाते हैं, या पानी में डूब जाते हैं, तो आप कार के कम्पोनेंट को बदलने की पूरी लागत का दावा कर सकते हैं। यदि आपके पास यह एड-ऑन है तो आपको एक पैसा नहीं देना होगा।

मोटर प्रोडक्ट और एक्चुरियल, गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस के कुणाल झा ने बताया कि कार एक डिप्रीशीएट ऐसेट है, जिसका मतलब है कि पॉलिसीधारक को डिप्रीशीएट वाले कम्पोनेंट और नए स्पेयर कम्पोनेंट के रिप्लेसमेंट के बीच के अंतर के लिए पेमेंट करना पड़ता है। एक शून्य या शून्य लेकर इस आउट-ऑफ-पॉकेट एक्सपेंस (डिप्रीशीएट चार्ज) पर बचत कर सकते हैं। जीरो डेप्रिसिएशन एड-ऑन जिसमें व्हीकल के रबर, प्लास्टिक और फाइबर कम्पोनेंट की मरम्मत और पूर्ण रिप्लेसमेंट की लागत शामिल होती है।

अमित गोयल ने बताया कि यह आमतौर पर ओन डैमेज प्रीमियम का लगभग 10% से 20% खर्च होता है। 20,000 रुपए के ओडी प्रीमियम वाली मिड-रेंज कार के लिए जीरो-डेप्रिसिएशन कवर की कीमत लगभग 2,000 से 4,000 रुपए हो सकती है।

3. 24×7 रोडसाइड असिस्टेंस
मानसून के मौसम गाड़ी खराब होना आम बात है। आप लगातार बारिश के दौरान गाड़ी के स्टार्ट न होने या सड़क पर टायर फटने के कारण फंस सकते हैं। ऐसी स्थिति में सहायता प्राप्त करने के लिए आप इस 24×7 रोडसाइड असिस्टेंस एड-ऑन को ले सकते हैं। आप दूसरों के बीच अपने पहियों को ठीक करने या अपनी कार को खींचने में सहायता प्राप्त कर सकते हैं। 24X7 रोडसाइड असिस्टेंस एड-ऑन कवर गाड़ी ओनर को बिना किसी मदद के कई घंटों तक फंसे रहने से बचा सकता है।

एलिफेंट डॉट इन (एलायंस इंश्योरेंस ब्रोकर्स) के एसोसिएट डायरेक्टर और बिजनेस हेड, आफताब चाज ने बताया कि इन पैकेजों में आमतौर पर टोइंग, बैटरी जंप-स्टार्ट, फ्लैट टायर ठीक करना, किराये के व्हीकल उपलब्ध कराना और रिश्तेदारों को संदेश भेजना शामिल है। यह कवरेज विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए उपयोगी है जो अक्सर सड़क मार्ग से लंबी दूरी की यात्रा करते हैं। क्योंकि यह मैकेनिकल ब्रेकडाउन और टायर पंचर में मदद करता है। कई मामलों में जहां गाड़ी की तुरंत मरम्मत नहीं की जा सकती है, वहां निकटतम गैरेज तक गाड़ी को पहुंचाना भी शामिल रहता है।

यह एड-ऑन व्हीकल ओनर को रिपेयर गैरेज खोजने की असुविधा से बचा सकता है। ये कहीं भी जम्पस्टार्ट, टोइंग, ऑन-साइट रिपेयर, फ्लैट टायर असिस्टेंट और इमरजेंसी फ्यूल डिलीवरी जैसी सेवाओं की लागत बचाता है जो 500 से लेकर 2,000 रुपए के बीच हो सकती है। जो लोग रोजाना काम के लिए लंबी दूरी तय करते हैं उन्हें ये लेना चाहिए।

4. कंज्यूमेबल्स कवर
यह भी एक ऐसा कवरेज है जिसे अपनी जेब खर्च को कम करने के लिए लेना चाहिए। ओन डैमेज पॉलिसी आमतौर पर तेल, नट, बोल्ट, एसी रेफ्रिजरेंट, रेडिएटर कूलेंट आदि की लागत को कवर नहीं करती है। नुकसान के कारण किसी भी कार की मरम्मत में आमतौर पर ये लागत शामिल होती हैं। इस एड-ऑन को लेने से आपको इस तरह की बचत करने में मदद मिल सकती है।

वीपी मोटर प्रोडक्ट, डिजिट इंश्योरेंस की आकांक्षा जैन ने बताया कि नई कार के मॉडल और वैरिएंट के आधार पर इसकी कीमत अलग-अलग होती है। जैसे कार 5 लाख की है तब इसके लिए कंज्यूमेबल कवर की लागत करीब 250 से 350 रुपए होगी। जबकि कार की कीमत 10 लाख रुपए है तब ये बीमा बढ़कर 500 से 700 रुपए हो जाएगा।

5. रिटर्न टू इनवॉइस
काम्प्रिहेन्सिव इश्योरेंस के मामले में बीमाकर्ता द्वारा भुगतान की जाने वाली अधिकतम राशि उस कार के IDV तक सीमित होती है, जिसके लिए बीमा लिया गया है। IDV आमतौर पर हर साल गाड़ी की कीमत को कमर देता है। जब कार पुरानी हो जाती है तब मूल कीमत से बहुत कम मूल्य के लिए बीमा किया जाता है। इनवॉइस एड-ऑन कवर पर वापसी एक ऑप्शनल कवरेज है जो कुल नुकसान की स्थिति में व्हीकल के वास्तविक मूल्य की भरपाई करता है।

यदि आप किसी ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जो बाढ़ से ग्रस्त है, जहां सड़कों पर आसानी से जलभराव हो जाता है, या जहां मानसून के मौसम में जल स्तर काफी बढ़ जाता है। तो ये एड-ऑन आपकी गाड़ी को सुरक्षा देते हैं। साथ ही, आपकी जेब से होने वाले बड़े खर्च को खत्म कर देते हैं। कुल मिलाकर इन एड-ऑन का खर्च करीब 6500 रुपए है, लेकिन मौके पर ये आपके 3.5 लाख रुपए बचा लेंगे।

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