अब उज्जैन में भी मिलेगी शासकीय उचित मूल्य पर स्कूली पुस्तकें और यूनिफार्म

  • निजी स्कूलों और पुस्तक विक्रेताओं की मनमानी पर रोक लगाने के लिए उज्जैन सहित प्रदेश भर में लगेगा पुस्तक मेला
  • शिक्षा विभाग ने कलेक्टरों को पत्र लिखा-विश्वविद्यालयों को भी स्टाल लगाने का प्रस्ताव

उज्जैन। शहर सहित पूरे संभाग और प्रदेश भर में अब मध्य प्रदेश शासन द्वारा पुस्तक मेला लगाया जाएगा। पुस्तक मेले के रूप में लग रही इन स्टालों पर विद्यार्थियों को कोर्स से संबंधित किताबें उपलब्ध होंगी। इन पुस्तक स्टालों से निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगेगी।

निजी स्कूल संचालकों की मनमानी एवं बुक स्टॉल विक्रेताओं के मोटे कमीशन पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश सरकार सख्त कदम लगातार उठा रही है। उज्जैन जिला प्रशासन द्वारा 16 निजी स्कूलों को दो-दो लाख रुपए का जुर्माना किया गया था। अब उज्जैन सहित प्रदेश के सभी जिलों में पुस्तक मेला लगाकर बुक स्टाल लगाई जाएगी। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी कलेक्टर्स को पत्र लिखा है। शिक्षा विभाग का मानना है कि इस प्रयास से निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगेगी। विभाग द्वारा विश्वविद्यालयों को भी स्टॉल लगाने का प्रस्ताव दिया गया है। निजी स्कूलों, पुस्तक विक्रेताओं और दुकानदारों की मनमानी को रोकने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। इसे लेकर शिक्षा विभाग ने सभी एमपी के निजी स्कूलों, किताब बेचने वालों और दुकानदारों के बीच की सांठ-गांठ को खत्म करने के लिए जबलपुर जिला प्रशासन ने एक पहल की थी। इस पहल में जिला प्रशासन ने बुक मेले का आयोजन किया। यह आयोजन इतना सफल रहा कि अब इसे एमपी के कई और जिलों में आयोजित करने का फैसला लिया जा रहा है। इससे गरीब और मिडिल क्लास परिवारों को निजी स्कूलों और दुकानदारों की मनमानी से राहत मिलेगी। स्कूल शिक्षा विभाग ने पुस्तक मेला आयोजन को लेकर एमपी के विभिन्न जिलों के कलेक्टरों को आदेश दिया है। अब एमपी के हर जिले में पुस्तक और यूनिफार्म मेले आयोजित किए जाएँगे। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गरीब और मिडिल क्लास माता-पिता उचित मूल्य पर किताबें और स्टेशनरी खरीद सकें। पुस्तक मेले की सफलता के बाद एमपी के सभी जिला कलेक्टरों को शिक्षा विभाग ने लिखित निर्देश जारी किया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने अपने पत्र में जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि यदि उनके जिले में निजी स्कूलों, प्रकाशकों और पुस्तक विक्रेताओं की मिलीभगत के कारण छात्रों और अभिभावकों को निजी स्कूलों की मनमानी से राहत दिलाना है। इसके साथ ही इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिस्पर्धी एवं न्यूनतम मूल्य वाली किताबें, कॉपियाँ गरीब और जरूरतमंद परिवारों को उपलब्ध कराना है। कलेक्टरों को मेलों के आयोजन में चुनावी आचार संहिता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये गये हैं। पुस्तक मेले में प्रकाशकों की पुस्तकों के साथ-साथ अन्य जरूरी सामग्री भी उपलब्ध हों, ताकि सभी चीजें उचित और न्यूनतम दरों पर एक ही स्थान पर मिल सके। इस कार्यक्रम के लिए विश्वविद्यालयों को भी स्टॉल लगाने के लिए आमंत्रित करने का प्रस्ताव है।

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