Pakistan: इमरान की पार्टी PTI से छिना चुनाव चिन्ह ‘बल्ला’, अब स्वतंत्र चुनाव लड़ेंगे उम्मीदवार

इस्लामाबाद (Islamabad)। पाकिस्तान (Pakistan) में आम चुनाव (General election) से पहले के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Former Prime Minister Imran Khan) की पार्टी पीटीआई ( party PTI) से चुनाव चिह्न ‘बल्ला’ छिन (Election symbol ‘Balla’ snatched) गया है। पाक सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार देर रात पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के आंतरिक चुनावों को अमान्य घोषित करते हुए पार्टी के चुनाव चिह्न ‘बल्ला’ को रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के बाद पीटीआई के नेताओं ने कहा कि अदालत ने चुनाव चिन्ह छीन लिया है, लेकिन पार्टी अभी भी एक पंजीकृत इकाई है। अब हम सभी स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे।

अदालत के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए पीटीआई अध्यक्ष बैरिस्टर गौहर खान ने कहा कि आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव में पार्टी के सभी उम्मीदवार स्वतंत्र रूप से लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हम अपने सभी उम्मीदवारों की सूची उनके चुनाव चिह्नों के साथ जारी करेंगे। गौहर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश विवादास्पद है। इससे उन्हें ‘गहरी निराशा’ हुई। उनकी पार्टी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देगी। साथ ही हम आठ फरवरी को पूरी ताकत से चुनाव में मुकाबला करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट का बुरा फैसला
पीटीआई अध्यक्ष खान ने फैसले पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि पीटीआई और उसके समर्थकों के राजनीतिक अधिकारों का उल्लंघन किया गया है। निर्धारित समय से दो घंटे देरी से सुनाए गए फैसले के बारे में उन्होंने कहा, यह सुप्रीम कोर्ट का एक और बुरा फैसला है। उन्होंने कहा कि चुनाव चिन्ह बल्ला न होने से पीटीआई पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि लोग हमारे साथ हैं। उन्होंने कहा कि अदालत का कर्तव्य है कि प्रत्येक व्यक्ति के बुनियादी अधिकारों को सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने जिन तकनीकी आधारों पर फैसला दिया, उन्हें गलत तरीके से समझा गया।

बता दें, पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने पेशावर हाईकोर्ट की दो सदस्यीय पीठ के फैसले को चुनौती दी थी, जिसने गत बुधवार को पीटीआई के चुनावों को वैध करार देते हुए ‘क्रिकेट बल्ले’ को उसके चुनाव चिन्ह के रूप में बहाल कर दिया था। शनिवार को मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा, न्यायमूर्ति मुहम्मद अली मजहर और न्यायमूर्ति मुसर्रत हिलाली की तीन सदस्यीय पीठ ने ईसीपी की याचिका पर सुनवाई की और सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसे शनिवार देर रात घोषित किया गया।

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