संसदः सुरक्षा चूक और MPs निलंबन पर सियासी महाभारत, विस्तृत चर्चा की मांग पर अड़ा विपक्ष

नई दिल्ली (New Delhi)। संसद (Parliament) की सुरक्षा में चूक (Security lapse) और 14 विपक्षी सांसदों के निलंबन (suspension of 14 opposition MPs) पर सियासी महाभारत (political mahabharata) लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा। विपक्ष के जबरदस्त हंगामे के चलते लोकसभा (Lok Sabha) महज 50 सेकंड (50 seconds) तो राज्यसभा (Rajya Sabha) में करीब 10 मिनट (10 minutes) ही कार्यवाही चल पाई। निम्न सदन में विपक्षी दलों की नारेबाजी के कारण सभापटल पर कागजात भी नहीं रखे जा सके। विपक्ष दोनों ही सदनों में गृह मंत्री अमित शाह के बयान और विस्तृत चर्चा की मांग पर अड़ा हुआ है। नारेबाजी और हंगामे के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।

लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे शुरू होते ही विपक्षी दलों ने सुरक्षा में चूक मामले पर गृह मंत्री के बयान और इस्तीफे की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। लोकसभा में प्रश्नकाल, शून्यकाल या विधायी कामकाज तो दूर सभापटल पर पत्र तक नहीं रखे जा सके। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विपक्षी सदस्य नारे लिखी तख्तियों के साथ वेल में जमा हो गए थे। कार्यवाही संचालन के लिए आए राजेंद्र अग्रवाल ने आसन पर बैठते ही कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई तो फिर वही घटनाक्रम दोहराया गया। सभापति ने आसन पर बैठते ही कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। इस दौरान सदन 25-25 सेकंड के लिए ही दो बार बैठा। विपक्ष भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग कर रहा है।

सभापति की बैठक का बहिष्कार
हंगामे के बीच सभापति ने अपने चैंबर में सभी दलों की बैठक बुलाई। हालांकि बैठक का विपक्ष ने बहिष्कार किया। नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जब तक विस्तृत चर्चा और गृह मंत्री के बयान की मांग को स्वीकार नहीं किया जाता, तब तक विपक्ष किसी बैठक में हिस्सा नहीं लेगा।

उच्च सदन में भी नहीं हुआ कामकाज
लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी कामकाज ठप रहा। कार्यवाही की शुरुआत में कागजात सभापटल पर रखे जाने के बाद सभापति ने सुरक्षा चूक पर कार्यवाही स्थगित कर चर्चा शुरू कराने की विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया। सभापति ने कहा कि मामले की जांच चल रही है और जल्द इस विषय में निष्कर्ष पर पहुंचा जाएगा। इसके बाद विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के बीच सभापति ने करीब नौ मिनट के बाद कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सदन जब दोबारा बैठा तो इस बार बमुश्किल डेढ़ मिनट ही कार्यवाही चल पाई।

काम ज्यादा समय कम
संसद के शीतकालीन सत्र की अब महज पांच बैठकें ही बची हैं, जबकि सरकार के पास विधायी कामकाज का अंबार है। इस सत्र में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा, भारतीय साक्ष्य विधेयक, मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, डाक घर जैसे कई अहम विधेयक अभी लंबित हैं। बीती तीन बैठकों के हंगामे की भेंट चढ़ जाने के कारण सरकार इन विधेयकों को कानूनी जामा पहनाने की राह में आगे नहीं बढ़ पाई है।

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