संसद की सुरक्षा में चूक पर बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी-घटना के पीछे कौन…क्या हैं उनके मंसूबे, इसकी गहराई में जाना जरूरी

नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा (Parliament Security) में चूक वाली घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने दु:ख जाहिर करते हुए कहा कि इस मामले की गहराई में जाना जरूरी है, इसलिए जांच एजेंसियां ( Investigation Agencies) इस घटना पर सख्ती के साथ जांच कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सभी को ऐसे विषयों पर वाद-विवाद या प्रतिरोध से बचना चाहिए। पीएम मोदी ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू ( Interview) में कहा कि, संसद में जो घटना हुई है, वह बहुत दु:खद और चिंताजनक है। इसकी गंभीरता को जरा भी कम नहीं आकंना चाहिए। स्पीकर महोदम ओम बिरला (Speaker Sir Om Birla) गंभीरता के साथ इस मामले को लेकर सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं। जांच एजेंसियां सख्ती से जांच कर रही हैं। इसके पीछे कौन-से तत्व हैं और उनके मंसूबे क्या हैं, इसकी गहराई में जाना जरूरी है। हमें एक साथ आकर समाधान के रास्ते खोजने चाहिए। ऐसे विषय पर प्रतिरोध से सभी को बचना चाहिए।

विजिटर्स पास लेकर की एंट्री
13 दिसंबर को जब देश संसद पर आतंकी हमले की बरसी मना रहा था, तभी सदन में दो लोग घुस आए। इसके बाद अपने जूतों में छिपाकर लाए गए स्मॉक बॉम्ब का इस्तेमाल किया। इसकी वजह से सदन में धुआं फैल गया। हालांकि इस दौरान सदन में मौजूद सांसदों ने इन्हें पकड़कर जबदस्त घुलाई कर दी। बाद में दोनों आरोपियों को पुलिस के हवाले कर दिया गया। दोनों आरोपियों की पहचान मनोरंजन डी और सागर शर्मा नाम पर हुई थी। ये दोनों लोगों ने विजिटर्स पास लेकर सदन की कार्यवाही देखने के लिए एंट्री की थी।

स्मॉक कैंडल जलाए और नारेबाजी की

जब सदन के भीतर यह सब हो रहा था तब बाहर नीलम आजाद और अमोल शिंदे नाम के दो लोगों ने भी स्मॉक कैंडल जलाए और नारेबाजी की। पुलिस ने उन्हें तुरंत ही पकड़ लिया और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। अब तक इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस घटना का मास्टरमाइंड ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था। पुलिस ने इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ यूएपीए की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। इन सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।

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