रूस-यूक्रेन युद्ध: अमेरिका समेत इन देशों ने रूस पर लगाएं आर्थिक प्रतिंबध, दवाइयों से लेकर सभी चीजों के बड़े दाम

मॉस्को. अमेरिका(America), ब्रिटेन और यूरोपीय संघ( European Union) ने यूक्रेन पर हमला करने के लिए रूस पर अभूतपूर्व आर्थिक प्रतिबंध लगाया है. इसके बाद सैकड़ों अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों(international companies) ने रूस में अपना कारोबार बंद कर दिया है. इन आर्थिक प्रतिबंधों का असर अब रूस की आम जनता को महसूस होना शुरू हो गया है. रोजाना के जरूरी सामानों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. इसके साथ ही लोगों की नौकरियां खत्म होने का खतरा भी बढ़ रहा है. रूस(Russia) में खाना पकाने के तेल, चीनी और ब्लड प्रेशर (blood pressure) की दवा की कीमतें यूक्रेन पर हमले के पहले सप्ताह से ही तेजी से बढ़ी हैं. खाने-पीने के सामानों के दाम बढ़ने के साथ ही उनकी जमाखोरी की खबरें भी सामने आ रही हैं. दवाओं को प्रतिबंधों के दायरे में नहीं रखा गया है, लेकिन प्रमुख शिपिंग कंपनियों की सेवाएं बंद होने से उनकी आपूर्ति प्रभावित हो सकती है. रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद से रूबल गिर गया है, जिसके कारण कई खुदरा विक्रेताओं ने अपने दाम बढ़ा दिए हैं.


एक मॉस्को निवासी ने कहा कि भले ही अभी तक दुकानों में सामान मिल रहा है लेकिन वह अधिक महंगा होता जाएगा. पिछले दो हफ्ते में दूध की कीमत लगभग दोगुनी हो गई है. कुछ दुकानों ने ग्राहकों के लिए आटा, चीनी और तेल जैसी मूलभूत चीजों की बिक्री की मात्रा की सीमा तय कर दी है. इनके साथ ही आईफोन जैसे सामानों की कीमत में भारी वृद्धि हुई है. स्मार्टफोन और टीवी के दाम 10% से अधिक बढ़े हैं. एप्पल ने 2 मार्च को रूस में सभी उत्पादों की बिक्री को रोक दिया. इसके अलावा नई कारों के दाम भी बढ़े हैं. जबकि अंतर्राष्ट्रीय भुगतान प्रणाली स्विफ्ट से रूसी बैंकों को हटाए जाने, वीजा, मास्टरकार्ड, अमेरिकन एक्सप्रेस, ऐप्पल और गूगल पे के रूस में अपनी सेवाओं को बंद करने के असर के बारे में रूसी केंद्रीय बैंक का कहना है कि इससे अर्थव्यवस्था 8 फीसद तक गिर सकती है.

रूस के नागरिक केवल पश्चिमी देशों के लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के कारण ही कठिनाइयों का सामना नहीं कर रहे हैं. रूस की सरकार ने एक नया कानून बनाया है. नए कानून में प्रावधान है कि यूक्रेन पर हमले के बारे में कोई फर्जी खबर फैलाने वाले किसी भी व्यक्ति को जेल में डाल दिया जाएगा. स्वतंत्र और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया पर रूस में कठोर प्रतिबंध लगाया गया है. इन सबके बावजूद लोग यूक्रेन पर हमले के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. रूस में अब तक युद्ध विरोधी विरोध प्रदर्शनों में 13,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

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