‘महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के बीच हो चुका है सीट बंटवारा, जल्द होगी घोषणाः संजय राउत

मुंबई (Mumbai)। महाराष्ट्र (Maharashtra) में सत्ताधारी दल के साथ-साथ विपक्षी दल भी लोकसभा चुनाव 2024 (lok sabha election 2024) की तैयारियों में जुटे हैं। तीन दलों के गठबंधन- महाविकास अघाड़ी (Alliance- Mahavikas Aghadi) (MVA) में कांग्रेस (Congress), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) (NCP- शरद पवार गुट) और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे या यूबीटी) शामिल हैं। तीनों पार्टियों के बीच महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों की शेयरिंग पर सहमति बन चुकी है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत (Sanjay Raut) के मुताबिक तीनों दलों ने मिलकर अंतिम फॉर्मूला तैयार कर लिया है, जल्द ही सीटों के बंटवारे की औपचारिक घोषणा की जाएगी। इस प्रदेश पर नजरें इसलिए भी हैं क्योंकि महाराष्ट्र 48 लोकसभा सीटों के साथ देश का दूसरा सबसे बड़ा प्रदेश है। उत्तर प्रदेश 80 सीटों के साथ सबसे अधिक लोकसभा सीटों वाला सूबा है।

राउत ने यह बयान बुधवार को मुंबई में आयोजित बैठक के बाद दिया। उन्होंने कहा, सीट बंटवारे पर चर्चा के लिए अब और बैठकें नहीं होंगी। बैठक में कांग्रेस नेता पटोले, पृथ्वीराज चव्हाण, वर्षा गायकवाड़, राकांपा (शरद पवार गुट) के नेता जयंत पाटिल, जितेंद्र अवहाद और अनिल देशमुख और सेना (यूबीटी) के संजय राउत और विनायक राउत ने भाग लिया। प्रकाश अंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन अगाड़ी (वीबीए) का एक प्रतिनिधि भी मौजूद था। संजय राउत ने कहा, ‘शरद पवार, उद्धव ठाकरे, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और प्रकाश अंबेडकर सीट बंटवारे को अंतिम मंजूरी देने के लिए मिलेंगे। संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में एलान होगा।’

उन्होंने उन खबरों का खंडन किया कि वीबीए ने 27 सीटों की मांग की थी। बकौल संजय राउत, वीबीए ने उन सीटों की एक सूची दी है जहां वे कई वर्षों से काम कर रहे हैं। हम इस पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी 48 लोकसभा सीटों से जुड़े पहलुओं पर व्यापक चर्चा हुई। राउत ने साफ किया कि चुनाव जीतना महत्वपूर्ण है। यह मायने नहीं रखता कि कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ रही है। राउत ने कहा, ‘लोकतंत्र और संविधान की रक्षा हमारा एजेंडा है और प्रकाश अंबेडकर भी यही विचार रखते हैं।’

महाराष्ट्र की राजनीति में नेताओं के बगावती तेवरों से बदल रहे समीकरण
खबरों के मुताबिक सीट बंटवारे को लेकर अंतिम मंथन से पहले हुई कई दौर की वार्ता में वरिष्ठ राजनेता शरद पवार की पार्टी- एनसीपी (शरदचंद्र पवार), शिवसेना (यूबीटी) के साथ-साथ कांग्रेस के कई शीर्ष नेता भी शामिल हो चुके हैं। बता दें कि महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि शिवसेना और एनसीपी दो गुटों में बंट चुकी है। शिवसेना में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देना पड़ा, जबकि एनसीपी में अजित पवार ने बगावती तेवर दिखाते हुए भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल होने का फैसला लिया। फिलहाल, एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद मिला है।

पांच साल पहले के समीकरण कैसे रहे
बता दें कि 2019 के आम चुनावों में, भाजपा ने महाराष्ट्र की 23 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। गठबंधन सहयोगी शिवसेना (विभाजन से पहले) को 18 सीटों पर जीत मिली थी। अविभाजित राकांपा के खाते में चार सीटें, जबकि कांग्रेस और एआईएमआईएम की झोली में एक-एक सीटें गई थीं। एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी।

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