तिरुवनंतपुरम से अंतिम बार चुनाव लड़ सकते हैं शशि थरूर, युवाओं को अवसर देने की भी कही

तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram)। लोकसभा सांसद (Lok Sabha MP) और कांग्रेस कार्य समिति (Congress Working Committee.-CWC) के सदस्य शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने आगामी चुनाव में युवाओं को चुनाव लड़ने के अवसर (Opportunities for youth to contest elections) देने की बात कही है। उनके बयान के आधार पर माना जा रहा है कि तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram) से वह अंतिम बार चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि, थरूर ने स्पष्ट किया, ‘मैंने कभी ऐसा नहीं कहा, लेकिन मुझे लगता है कि यह मेरा आखिरी चुनाव हो सकता है।’

तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से बात करते हुए थरूर ने कहा, इस बारे में कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, क्योंकि यह राजनीति है। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि युवा लोगों के लिए जगह बनाने का समय आता है। यही मेरी सोच है। उन्होंने कहा, ‘राजनीति में, एक और नारा है ‘कभी ना मत कहो।’ इससे पहले थरूर ने एक टीवी कार्यक्रम में कहा था कि तिरुवनंतपुरम से वह अंतिम बार चुनाव लड़ सकते हैं। उन्होंने पीएम मोदी के सामने चुनाव लड़ने पर भी जीतने का दावा किया था।

काम के आधार पर चुनाव लड़ेंगे
इससे पहले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बुधवार को भी अपनी भावी सियासी योजनाओं पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने पर भी जीतने की ताकत रखते हैं। केरल में एक कार्यक्रम के दौरान थरूर ने यह टिप्पणी की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार थरूर ने कहा कि वह अपने गृह राज्य में तिरुवनंतपुरम सीट से चुनाव लड़ने को तैयार हैं। हालांकि, अंतिम फैसला पार्टी को करना है। थरूर ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 उनके लिए आखिरी हो सकता है, लेकिन वह अपने काम और कीर्तिमान के आधार पर चुनावी समर में ताल ठोकेंगे।

क्या तिरुवनंतपुरम से चुनाव लड़ सकते हैं पीएम मोदी?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म- एक्स पर विशाल कुमार नाम के यूजर ने कहा कि थरूर अति आत्मविश्वास का शिकार हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के तमाम नेता ओवरकॉन्फिडेंस में इस तरह की बयानबाजी करते रहते हैं। थरूर के बयान की एक पृष्ठभूमि पीएम मोदी के दक्षिण भारत या वाराणसी के अलावा किसी अन्य जगह से चुनाव लड़ने की अटकलें भी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रधानमंत्री के इस बार तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की संभावनाएं हैं।

क्या कांग्रेस पार्टी से आखिरी बार मिलेगा थरूर को मौका?
थरूर के बयान के बीच यह जानना भी रोचक है कि कांग्रेस शायद थरूर को अंतिम बार लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाएगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, 2024 के आम चुनाव थरूर के लिए अंतिम मौका साबित हो सकते हैं। एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में बात करते हुए थरूर ने कहा कि चुनाव में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों पर अंतिम फैसला बाकी है, लेकिन वह हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। थरूर ने कहा कि पार्टी अगर उन्हें पीएम मोदी के खिलाफ भी चुनाव लड़ने को कहेगी तो वह पीछे नहीं हटेंगे।

पीएम मोदी केरल से चुनाव नहीं जीत सकते
दो अन्य एक्स यूजर्स ने भी थरूर के बयान पर चुटकी ली। राकेश यादव और राहुल वर्मा नाम के यूजर्स ने भी थरूर के दावे पर टिप्पणी की। राकेश ने कहा कि थरूर चुनाव केरल से ही लड़ेंगे। ऐसे में पीएम मोदी के पास जनाधार कमजोर होगा। राकेश ने दो टूक कहा कि पीएम मोदी फिलहाल केरल से चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं हैं।

चुनाव लड़ने पर जमानत जब्त हो जाएगी
राहुल नाम के एक अन्य यूजर ने प्रधानमंत्री मोदी की जमानत जब्त होने की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर अगले साल लोकसभा चुनाव होने से पहले अगर पीएम मोदी केरल या तिरुवनंतपुरम से चुनाव लड़ने का फैसला करें तो उनकी जमानत जब्त हो जाएगी।

विदेश मंत्री बनने का सपना अधूरा
अपनी भविष्य की योजनाओं पर थरूर ने कहा, यह लोकसभा के लिए मेरा आखिरी मुकाबला होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तिरुवनंतपुरम से चुनाव लड़ने की अटकलों से जुड़े एक सवाल पर थरूर ने कहा, अगर लोग ऐसा सोचते हैं तो उन्हें मुझे बदलने का पूरा अधिकार है, लेकिन इससे फर्क नहीं पड़ता कि वह किसके खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। पहली बार चुनाव जीतने के बाद मेरी इच्छा केंद्रीय विदेश मंत्री बनने की थी। हालांकि, यह ख्वाब पूरा नहीं हुआ। इस बार भी जनता को फैसला लेना है।

विधानसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर क्या बोले?
क्या वह केरल विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं? इस सवाल पर थरूर ने कहा, फिलहाल उनका ध्यान लोकसभा चुनावों पर है। परिस्थितियों के आधार पर वह इस पर विचार करेंगे। संयुक्त राष्ट्र में पूर्व अवर महासचिव के रूप में सेवाएं दे चुके शशि थरूर ने कहा, तिरुवनंतपुरम से 2009 का लोकसभा चुनाव लड़ना उनके लिए चौंकाने वाला था। लगातार तीन चुनाव जीत चुके थरूर के बारे में 2019 के चुनाव से अंदाजा मिलता है।

थरूर की हैट्रिक जीत का रिकॉर्ड
उनकी जीत का अंतर और केरल के औसत मतदाता की पसंद देखने से साफ होता है कि थरूर और उनकी कार्यशैली से तिरुवनंतपुरम की जनता को कोई खास दिक्कत नहीं है। बता दें कि 2019 के चुनावों में थरूर ने 99,989 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। 2014 में जीत का अंतर 15,470 था, जबकि 2009 में पहली बार चुनाव लड़ने वाले पूर्व राजनयिक थरूर ने 99,998 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी।

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