एक परिवार में इतने गम, पिता और छोटे भाई की मौत से टूटे बेटे ने खाया जहर, सदमे में मां को भी दिल का दौरा

लखनऊ। यहां के त्रिवेणी नगर की मौसमबाग कालोनी में रिटायर्ड इंजीनियर नागेंद्र प्रतापसिंह (Retired Engineer Nagendra Pratap Singh) के पोते कृष्णकांत का विगत 31 मार्च को दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया।  बेटे की मौत से सदमे में डूबे पिता सूरज प्रतापसिंह ने भी उसी दिन अपनी रिवाल्वर से खुद को गोली मारकर सुसाइड कर ली। इसके करीब डेढ़ माह बाद सोमवार को फिर बुजुर्ग नागेंद्र के परिवार पर विपत्तियों का पहाड़ टूट पड़ा। अब उनके बड़े पोते श्रीकांत ने जहरीले पदार्थ का सेवन कर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। वह लॉकडाउन के दौरान जॉब छूटने से दु:खी रहने लगा था। इकलौते बचे बेटे की मौत से मां को हार्ट अटैक आ गया। वह पहले से ही पति और छोटे बेटे को खोने के गम में डूबी हुई थी। जब उन्हें बड़े बेटे श्रीकांत के गुजर जाने का पता लगा तो वह बूरी तरह टूट गईं।

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