झाबुआ की गुड़िया कला पर इंदौर में विशेष आवरण जारी

  • कला का प्रचार प्रसार है मकसद

इंदौर। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत् जनजातीय उत्पादों पर विशेष आवरण जारी किए जा रहे हैं। 1 अगस्त, मंगलवार को जीपीओ स्थित फिलाटेली ब्यूरो में झाबुआ की ’’विश्व प्रसिद्ध गुड़िया कला’’ पर विशेष आवरण जारी किया गया। प्रीति अग्रवाल, पोस्टमास्टर जनरल, इंदौर परिक्षेत्र ने आज जारी विशेष आवरण के मौके पर कहा कि जिले के ऐसे समस्त कलाकारों एवं उनकी कला को राष्ट्रीय/अंतराष्ट्रीय पहचान मिलेगी, जो गुड़िया बनाने का कार्य करते है। साथ ही ई कामर्स पोर्टल पर उपलब्ध होने से इसका अधिकाधिक प्रचार-प्रसार भी हो सकेगा।

भारतीय डाक विभाग आदिवासी/जनजातीय जनता के उत्थान एवं विकास हेतु हमेशा से ही अग्रसर रहता है, आज का यह कार्यक्रम भी इसी कड़ी में आयोजित किया गया है। इसी के साथ स्वच्छता वार्ड सर्वेक्षण में इंदौर जीपीओ को स्वच्छतम कार्यालय का पुरस्कार प्राप्त होने में उत्कृष्ट योगदान देने हेतु दीप्ति जोशी, सहायक डाकपाल (मेल्स), आईपीपीबी की सुविधा आमजन को उनके घर पर ही देते हुए सर्वाधिक अकाउंट खोलने हेतु रानू कवड़कर, कुणाल कुमार और विपिन कुमार, उत्कृष्ट व्यवसाय करने वाले अल्प बचत अभिकर्ता अर्चना पचलानिया, अंकिता दरयानी और रीता अजमेरा को भी पुरस्कृत किया गया।

क्या है झाबुआ की गुड़िया
मध्यप्रदश के झाबुआ जिले में आदिवासी एकल गुड़िया, आदिवासी जोड़़ा, आदिवासी समूह को उनके औजारों के साथ दर्शाते हुए गुड़िया बनाने का कार्य किया जाता है। यह गुड़िया झाबुआ के अनेक स्थानीय कलाकारों द्वारा बनाई जाती है।

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