जनसंख्या वृद्धि खुशी के साथ चिंता भी!

– प्रमोद भार्गव भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है, जहां दुविधा और विरोधाभास प्रगति के समानान्तर चलते हैं। अतैव जनसंख्या बल जहां शक्ति का प्रतीक है, वहीं उपलब्ध संसाधनों पर बोझ भी है। इसलिए अनेक समस्याएं भी सुरसामुख बन खड़ी होती रहती हैं। हालात तब और कठिन हो जाते हैं, जब संसाधनों के बंटवारे … Read more