शनि आपकी कुंडली में कब बनाता है ‘शश’ नाम का पंच महापुरुष योग, खुलते हैं किस्मत के दरवाजे

प्रथम भाव ऐसा व्यक्ति अभिमानी, न्यायप्रिय, गंभीर विद्वान होगा। नीच या अकारक हो तो व्यक्ति कुरूप, निर्बल स्मरण शक्ति का और आलसी होगा। द्वितीय भाव जातक धनी, कम परिश्रम में अधिक लाभ कमाने वाला सफल व्यापारी होगा। नीच हो तो व्यक्ति मुख रोगी, सामाजिक पतन, विचारहीन और अलोकप्रिय हो सकता है। तृतीय भाव व्यक्ति धनवान, … Read more