परहेज नहीं परम्परा है यह मोदीजी…
जब देश आपको सुन रहा हो… समझ रहा हो… स्वीकार कर रहा हो… तब आपकी जिम्मेदारी बन जाती है कि आपकी भाषा में विनम्रता, विचारों में विवेक, ज्ञान की दूरदर्शिता और समाज और संस्कृति की परख होना जरूरी है… आप कटाक्ष करें… आप तंज भी कसे… आप सवाल भी दागे और जवाब भी मांगे, लेकिन … Read more