जो संत रविदास को समझ न पाए… वो उनका जीवन समझाएं… खुद जातियों में चुनकर सत्ता में आए…और जाति भेद की गाथा गाएं…

संत रविदास ने भी नहीं सोचा होगा कि 500 साल बाद पूरा देश यकायक उन्हें पूजने लग जाएगा… हर नेता उनके गीत गाएगा…उनकी जयंती इतनी धूमधाम से मनाएगा कि हर शख्स हैरान रह जाएगा… देश के प्रधानमंत्री उनकी चरित्रावली में चार चांद लगाएंगे… राज्यों के मुख्यमंत्री उनकी जीवनी लिखने लग जाएंगे… सारे राजनीतिक दल उनके … Read more

संत रविदास: सामाजिक समरसता के आध्यात्मिक उपासक

– डॉ. अशोक कुमार भार्गव सामाजिक समरसता के आध्यात्मिक उपासक संत शिरोमणि रविदास जी का जीवन, संघर्षों और चुनौतियों की महागाथा है। जहां उन्हें जन्म से लेकर मृत्यु पर्यंत पग-पग पर प्रताड़ना, यातना, अपमान, तिरस्कार, उपेक्षा और हेय दृष्टि का व्यवहार अनुभूत हुआ। विभिन्न प्रकार की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक निर्योग्यताओं से संघर्ष करते हुए … Read more

जयंती विशेषः संत रविदासः सामाजिक समता के अग्रदूत

– योगेश कुमार गोयल ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ -यह कहावत तो आप सभी ने सुनी ही होगी। यह कहावत भारत के महान संत रविदास के व्यवहार को लेकर ही शुरू हुई थी। दरअसल एकबार एक त्यौहार के मौके पर आस-पड़ोस के लोग गंगा-स्नान के लिए जा रहे थे तो संत रविदास के शिष्यों … Read more