आखिर हम कब जागेंगे?

– गिरीश्वर मिश्र पिछले कई दिनों से दिल्ली की सुबह ऐसी हो रही है कि धुँध के बीच सूरज छिप जा रहा है और हवा जहरीली हो गई। घर से बाहर निकलने में डर लगता है। पर उससे भी काम नहीं चलता क्योंकि वही हवा घर के भीतर भी पहुँच रही है। जीने के लिए … Read more